RJD Supremo ने बलात्कार शब्द से बिहार की तुलना कर प्रदेश की जनभावना को ठेस पहुंचाया। राजद की सरकार में भयाक्रांत बेटियाँ आज पुलिस की वर्दी में कर रही है समाज की रक्षा – उमेश सिंह कुशवाहा
पटना: बिहार जनता दल (यू) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने रविवार को बयान जारी कर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा बलात्कार और बिहार के संबंध में किए गए एक्स पोस्ट को अपमानजनक करार दिया। उन्होंने कहा कि राजद सुप्रीमो का एक्स पोस्ट बिहार की महान संस्कृति और स्मिता पर सीधा हमला है। बलात्कार शब्द से बिहार की तुलना कर उन्होंने पूरे प्रदेश को शर्मसार करने का काम किया है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लालू-राबड़ी के शासनकाल में सत्ता संरक्षित अपराधियों का इतना खौफ था कि प्रदेश की महिलाएं अपने घर की चौखट से बाहर कदम भी नहीं रखती थी। मौजूदा कानून-व्यवस्था के संबंध में किसी भी तरह का व्यक्तव देने से पहले लालू एंड फैमिली को अपने कार्यकाल का काला इतिहास जरूर पलटना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए गए प्रयासों का नतीजा है कि आज बिहार की बेटियाँ खौफ के वातावरण से निकलकर पुलिस की वर्दी में समाज की रक्षा कर रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1990 से 2005 के बीच मुख्यमंत्री आवास में आपराध के सरगनाओं को पनाह दिया जाता था और वहीं से फिरौती की रकम भी तय होती थी। उन दिनों दिन-दहाड़े लूट, हत्या और अपहरण की घटनाएं आम बात थी। उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि वर्ष 2005 के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुशल प्रशासक की भूमिका निभाकर बिहार में त्राहिमाम काल पर पूर्ण विराम लगाने का काम किया और प्रदेश की जनता को भय के माहौल से बाहर निकाला।
आज बिहार में कानून का राज कायम है और कानून को चुनौती देने वाला किसी भी कीमत में बच नहीं सकता है। नीतीश सरकार ने बिहार से संगठित अपराध का नामोनिशान समाप्त कर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि आपसी विवाद में हुए इक्का-दुक्का आपराधिक घटनाओं को लेकर भी राज्य सरकार सख्त है। अपराध के खिलाफ नीतीश सरकार की हमेशा से ज़ीरो टोलरेंस की नीति रही है। सुशासन पर फर्जी उपदेश देने से पहले राजद को आईना जरूर देखना चाहिए।
https://www.youtube.com/@22scopebihar/videos
यह भी पढ़ें- Patna पहुंचे शत्रुघ्न सिन्हा, बाढ़ के मामले में कहा ‘प्रशासन…’
RJD Supremo RJD Supremo RJD Supremo RJD Supremo RJD Supremo RJD Supremo RJD Supremo
RJD Supremo