नये वित्तीय वर्ष में नये विधायकों की सड़क और पुल योजनाएं नहीं हो सकेंगी

रांची: अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 में ग्रामीण सड़क और पुल योजनाओं के लिए विधायकों की अनुशंसा स्वीकार नहीं की जा सकेगी। सरकार ने एक नई नीति लागू की है, जिसके तहत इन योजनाओं के लिए विधायकों की अनुशंसा केवल वित्तीय वर्ष 2026-27 में ही स्वीकार की जाएगी। इसका सीधा असर हाल ही में विधानसभा चुनाव में जीतकर आए 21 नये विधायकों पर पड़ेगा। उन्हें अगले वित्तीय वर्ष में अपने क्षेत्र के लिए सड़क और पुल निर्माण की योजनाओं के लिए अनुशंसा करने का मौका नहीं मिलेगा, क्योंकि इन योजनाओं की स्वीकृति इस वर्ष के अंत तक नहीं मिल सकेगी।

ग्रामीण कार्य विभाग ने 2024-25 और 2025-26 के लिए एक नीति बनाई थी, जिसमें ग्रामीण सड़क और पुल निर्माण की योजनाओं को लेकर विधायक की अनुशंसा पर विशेष प्रावधान रखा गया था। इस नीति के तहत, हर विधायक के लिए अधिकतम 30 करोड़ रुपये की सड़क और 20 करोड़ रुपये की पुल योजना को प्रशासनिक स्वीकृति देने का प्रावधान था। वर्ष 2024-25 के लिए अधिकांश विधायकों ने अपनी तय सीमा तक की योजनाओं की अनुशंसा पहले ही कर दी थी। अब वर्ष 2025-26 में कोई योजना शेष नहीं रही, क्योंकि इस वर्ष के लिए निर्धारित योजनाओं के लिए अनुशंसा पहले ही की जा चुकी है।

इस स्थिति में, नये विधायकों को अपनी अनुशंसा पर योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त करने के लिए एक साल का इंतजार करना होगा। साथ ही, पूर्व विधायकों ने अपने क्षेत्र में सड़क और पुल निर्माण के लिए पहले ही अपनी अनुशंसा दे दी है, जिसके कारण नये विधायकों को अतिरिक्त सड़क और पुल योजनाओं की आवश्यकता होगी। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार को नये विधायकों की अनुशंसा को स्वीकार करने के लिए पूर्व निर्धारित नीति में बदलाव करने पर विचार करना होगा, ताकि उनके क्षेत्र में विकास कार्यों की गति बनी रहे।

इस तरह की स्थिति में, विकास कार्यों की प्रक्रिया में देरी का सामना करना पड़ सकता है, जिससे नये विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में आवश्यक बुनियादी सुविधाओं का निर्माण समय पर नहीं हो पाएगा।

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