सरयू ने बन्ना गुप्ता पर लगाया 150 करोड़ के घोटाले का आरोप

JAMSHEDPUR : पूर्वी जमशेदपुर के विधायक सरयू राय ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर डेढ़ सौ करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि 103 दवाइयां उंचे दामों पर खरीद की गई है. जिसका प्रमाण उनके पास है.

letter ऑफ़ saryu 22Scope News
सरयू ने बन्ना गुप्ता पर लगाया 150 करोड़ के घोटाले का आरोप 2 22Scope News

पिछले तीन वर्षों में उंची रकम पर खरीदी गई दवाएं


विधायक ने कहा है कि झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग में विगत 3 वर्षों में ऊँची दर पर दवा की खरीद का घोटाला हुआ है. 22.04.2020 को विभिन्न प्रकार की दवाओं की खरीद के लिए निविदा निकाली गयी. न्यूनतम दर वाले निविदादाताओं का चयन हो गया और 15.06.2020 को उन्हें स्वीकृति पत्र भेजा गया कि 19.06.2020 तक वे एकरारनामा जमा कर दें, ताकि उन्हें संबंधित दवाओं का क्रयादेश दिया जा सके लेकिन दवाएं खरीदी नहीं गई.

इसकी जगह स्वास्थ्य विभाग ने संचिका तैयार कर जिन 103 दवाओं का राज्य के अस्पताल में मांग है उन दवाओं के भारत के औषधि निर्माता लोक उपक्रम से मनोनयन के आधार पर खरीद की जाय. संकल्प के रूप में यह प्रस्ताव 28.12.2020 को मंत्रिपरिषद की स्वीकृति के लिए भेजा गया. 03.02.2021 को मंत्रिपरिषद ने इस प्रस्ताव की स्वीकृति दे दी. विभागीय संकल्प में उल्लेख किया गया है कि वित्तीय नियमावली 235 को शिथिल कर नियम 245 के तहत मनोनयन के आधार पर क्रय कर राज्य के विभिन्न अस्पतालों को आपूर्ति की जाय.


राज्य सरकार के खजाने को 150 करोड़ से अधिक की चोट पहुँची


आश्चर्य है कि इस संकल्प में कहीं भी अंकित नहीं किया गया कि इसके पूर्व दवाओं की खरीद के लिए निविदा प्राप्त की गयी थी. न्यूनतम दर वाले निविदादाताओं का चयन कर लिया गया है और उसके साथ एकरारनामा करने के लिए स्वीकृति पत्र भेज दिया गया है. निविदा में ंकिसी भी दवा की खरीद के लिए जो न्यूनतम दर आई थी उसी दवा को केन्द्र सरकारी की 5 कंपनियों से काफी अधिक दर पर खरीद की गयी. इसके कारण राज्य सरकार के खजाने को 150 करोड़ से अधिक की चोट पहुँची है, दवा की खरीद अब भी जारी है.

वर्ष 2017-18 में तत्कालीन सरकार ने भी मनोनयन से की थी खरीद


इसी तरह की खरीद वर्ष 2017-18 में तत्कालीन झारखंड सरकार से मनोनयन से किया था परंतु संकल्प में वित्तीय विभाग ने यह शर्त लगा दिया था कि इन जेनरिक दवाओं का क्रय वर्ष 2017-18 के लिए किया जाय.
यह संकल्प 13.09.2017 को पारित हुआ था. इसके बाद कोविड काल में मनमानी दर पर दवाओं की खरीद में अनियमितता हुई. निविदा के आधार पर न्यूनतम दर वाले निविदादाताओं को चयन हो जाने के बाद ऊँची दर पर दवाओं की खरीद कर भारी घोटाला हुआ है.

रिपोर्ट : लाला जबीं

Trending News

Social Media

157,000FansLike
27,200FollowersFollow
628FollowersFollow
679,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img