गिरिडीहः पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि शिबू सोरेन नहीं चाहते कि झारखंड में कोई दूसरा आदिवासी नेता बने, यही कारण है कि सरकार नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे को टाल रही है, जबकि निर्वाचन आयोग ने भी जेवीएम का भाजपा में विलय को संवैधानिक माना है, बावजूद इसके मुझे बतौर बीजेपी विधायक राज्यसभा चुनाव में वोट देने की अनुमति दी गई.
पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी आज गिरिडीह में कई कार्यक्रमों में शामिल हुए. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड की विधि व्यवस्था सभी राज्यों से खराब है, राज्य में महिलाएं पूरी तरह असुरक्षित है, खुले आम हत्या और लूट की घटनाएं हो रही है और राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है. अपराधी जेल में रहकर रंगदारी की मांग कर रहे हैं.
मरांडी ने कहा कि कांग्रेस पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर धरना दे रही है, जबकि राज्य की सरकार में कांग्रेस भी शामिल है, हालात यह है कि राज्य के युवा बेरोजगार अपने को ठगा महसूस कर रहे है, मजदूर रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे है और सीएम घोषणा कर रहे है कि यह वर्ष नियुक्तियों का होगा. हेमंत सोरेन की सरकार घोषणाओं की सरकार बन कर रह गई है.
नंढा महादेव का मंदिर जहां शिबू सोरेन ने डुगडुगी बजाकर करवाया था दलितों का प्रवेश