गिरिडीह: झारखंड के गिरिडीह जिले के गांडेय विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक हलचल अचानक तेज हो गई, जब जयराम महतो की पार्टी के प्रमुख नेता और पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी रहे रिजवान क्रांतिकारी ने जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्चा) का दामन थाम लिया। उनके इस फैसले से स्थानीय राजनीति में बड़ी हलचल मच गई है और इसे जयराम महतो की पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
रिजवान क्रांतिकारी ने एक सार्वजनिक सभा में जेएमएम में शामिल होने की घोषणा की, और इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में जेएमएम की प्रत्याशी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी, कल्पना सोरेन का समर्थन करेंगे। उनका यह निर्णय क्षेत्र के लोगों और उनके समर्थकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
गांडेय विधानसभा में जयराम महतो और उनकी पार्टी का एक मजबूत जनाधार रहा है। पिछली बार रिजवान क्रांतिकारी ने जयराम महतो की पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता भी अच्छी खासी रही। ऐसे में रिजवान क्रांतिकारी का जेएमएम में शामिल होना जयराम महतो की पार्टी के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
स्थानीय राजनीति के जानकारों का मानना है कि यह निर्णय आगामी चुनावों में जयराम महतो की पार्टी के वोट बैंक को प्रभावित कर सकता है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए रिजवान क्रांतिकारी का समर्थन महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पार्टी को गांडेय में एक नई मजबूती मिलेगी।
जेएमएम के कार्यकर्ता इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि इससे उनके मतों में इजाफा होगा और स्थानीय स्तर पर पार्टी को अतिरिक्त समर्थन मिलेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए यह कदम राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनकी पत्नी कल्पना सोरेन की उम्मीदवारी को अधिक समर्थन और मजबूती मिलेगी।
रिजवान क्रांतिकारी के अलावा, हाल के दिनों में कई अन्य क्षेत्रीय नेताओं ने भी जेएमएम का समर्थन किया है। यह दर्शाता है कि झारखंड में जेएमएम की पकड़ मजबूत हो रही है और पार्टी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में समर्थन जुटाने में सफल हो रही है। इस रणनीतिक कदम से यह साफ होता है कि जेएमएम राज्य में अपनी स्थिति को और मजबूत बनाने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है।
रिजवान क्रांतिकारी के जेएमएम में शामिल होने का सीधा असर गांडेय विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं पर पड़ सकता है। क्षेत्र के कई मतदाताओं का कहना है कि वे अपने नेता के फैसले का सम्मान करते हैं और चुनाव में जेएमएम का समर्थन करेंगे। इससे स्पष्ट है कि रिजवान का यह निर्णय न केवल जयराम महतो की पार्टी को कमजोर कर सकता है, बल्कि गांडेय में जेएमएम की पकड़ को भी बढ़ा सकता है।
स्थानीय स्तर पर लोगों में इस बदलाव को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग रिजवान के फैसले को सकारात्मक मानते हैं, जबकि कुछ उनके इस कदम को लेकर असंतोष भी व्यक्त कर रहे हैं। इसके साथ ही, यह देखना दिलचस्प होगा कि जयराम महतो की पार्टी इस झटके के बाद किस तरह से अपनी रणनीति को नया मोड़ देती है और आगामी चुनावों में अपनी पकड़ कैसे बनाए रखती है।
इस घटनाक्रम से झारखंड की राजनीति में एक नया मोड़ आया है, और आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि गांडेय में सत्ता का समीकरण किस दिशा में बदलता है।