रांची: खेलगांव पुलिस को एक गुमनाम पत्र के जरिए एनआईए कोर्ट के जज की हत्या का षड्यंत्र रचने और बिहार के शूटर से 2 करोड़ रुपए में सौदा करने के आरोप की जांच में महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। जेल में दो गुटों के बीच हुई झड़प के बाद, एक गुट को फंसाने के इरादे से यह गुमनाम पत्र भेजा गया था। पुलिस की प्रारंभिक जांच में इस बात के कुछ प्रमाण मिले हैं, हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
खेलगांव थानेदार चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही वे इस मामले में स्पष्ट जानकारी साझा कर पाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि जेल में दो गुटों के बीच झड़प कब हुई, इसकी जानकारी केवल जेल प्रबंधन ही दे सकता है, क्योंकि उनके पास इस मामले में अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है।
मालूम हो कि 17 अक्टूबर को भेजे गए गुमनाम पत्र में एनआईए कोर्ट के जज की हत्या की साजिश रचने और बिहार के शूटर से 2 करोड़ रुपए में डील करने का आरोप लगाया गया था, जिसमें 75 लाख रुपए एडवांस के रूप में देने की बात कही गई थी। इस आरोप के बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। इस षड्यंत्र रचने के आरोप में प्रभु प्रसाद साहु, निवेश कुमार पोद्दार, सोनू मुंडा उर्फ सोनू पंडित उर्फ रमण कुमार सोनू, चंदन साहु, और मनोज कुमार चौधरी जैसे कैदियों के नाम सामने आए हैं। अरुण कुमार राय, जो वर्तमान में जेल में नहीं हैं, का नाम भी इस मामले में शामिल है।