सिंदरी फर्टिलाइजर विस्थापित मोर्चा ने दिया धरना, चार सूत्री मांगों के समर्थन में सौंपा ज्ञापन

झरिया (धनबाद) : सिंदरी स्थित बिरसा समिति परिसर में सिंदरी फर्टिलाइजर विस्थापित मोर्चा ने एक दिवसीय धरना दिया. साथ ही बाबा तिलका मांझी का जन्मोत्सव को मनाया गया. सिंदरी के बैनर तले सिंदरी के चारों मौजा के संथाली ग्रामीण पारंपरिक वेशभूषा में सिंदरी बिरसा समिति के पास सामुदायिक भवन में धरना दिया.

सिंदरी फर्टिलाइजर विस्थापित मोर्चा के सदस्यों और सिंदरी विभिन्न मौजा के ग्रामीणों ने क्रमबद्ध तरीके से बाबा तिलका मांझी के फोटो पर माल्यार्पण किया, इसके बाद सभी लोग धरने पर बैठ गए हैं. इस धरना में उपस्थित सभी लोगों ने कहा कि जब से सिंदरी में हिंदुस्तान उर्वरक रसायन खाद कारखाना हर्ल स्थापित हुआ है तब से चारों मौजा के लोग जमीन की हक और अधिकार के विस्थापन की लड़ाई लड़ रही है.

एकदिवसीय धरना कार्यक्रम करने के बाद विस्थापित मोर्चा के लोगों एवं चारों मौजा के लोगों ने पैदल रैली निकाली. यह पैदल रैली बिरसा मुंडा समिति से होते हुए शहरपूरा बाजार वीर कुमार चौक घूमते हुए पुनः बिरसा समिति के पास पहुंची. बता दें कि इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में महिला एवं पुरुषों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की. साथ ही सभी ने हाथों में तख्तियां लिए हुए थं, जिस पर लिखा था कि विस्थापितों का एक ही अरमान मिले रोजगार न्याय और सम्मान, जमीन पर हम बसे हुए हैं उसका मालिकाना हक हमें चाहिए.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2007 में विस्थापन नीति लागू की गई थी. किंतु हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन खाद कारखाना इतने साल बीत जाने के बाद भी सिंदरी फर्टिलाइजर विस्थापित मोर्चा सिंदरी के लोग कई सालो से विस्थापन, नियोजन मुआवजा एवं रोजगार की मांग को लेकर विरोध कर रहे है. सिंदरी फर्टिलाइजर विस्थापित मोर्चा के लोग कई बार लिखित दे चुके है, किंतु हर्ल प्रबंधक मौन धारण किए बैठे हैं.

बैठक की अध्यक्षता पूरन सिंह एवं संचालन छोटन चटर्जी ने किया. बैठक में विभिन्न मौजा के लोग जो पूर्ण रूप से सिंदरी फर्टिलाईजर के द्वारा अधिगृहित जमीन के लिए विस्थापित है. इस बैठक में अपना उपस्थिति दर्ज कराए हैं. बैठक में अपनी चार सूत्री मांगों के समर्थन में एफसीआई एवं हर्ल प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा गया. अपनी मांगों के समर्थन में अगर प्रबंधन विस्थापित मोर्चा के साथ वार्ता नहीं करती है, तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा.

रिपोर्ट: अनिल मुंडा

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