Aurangabad- जिला परिवहन विभाग के एक खेल से पूरा जिला हलकान है,
लोग बाग अपनी-अपनी गाड़ियों का कागजात चेक करवा रहे हैं,
कहीं उनकी गाड़ी भी तो परिवहन विभाग के कर्मियों ने किसी और के नाम बिक्री तो नहीं कर दी.
यह डर सबको सता रहा है.
जिला परिवहन विभाग के कारनामे
दरअसल परिवहन विभाग के अधिकारियों ने ऐसा ही कुछ कारनामा किया है.
ठगों ने असली गाड़ी मालिक के बदले किसी और को खड़ा कर गाड़ी अपने नाम करवा ली.
ऑफिस के बाबुओं ने भी बिना जांचे परखे गाड़ी को फर्जी क्रेता के नाम कर दिया.
लेकिन गाड़ी असली मालिक के पास ही रह गई.
मामले का खुलासा तब हुआ जब टंडवा थाना क्षेत्र के फुलवरिया गांव निवासी
अरविंद कुमार शर्मा अपनी गाड़ी प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाने के लिए जांच घर गयें.
वहां उन्हे बतलाया गया कि उनकी गाड़ी की तो बिक्री हो चुकी है.
यह गाड़ी उनकी नही बल्कि बेतिया के मधुसूदन भट्टाचार्य की है.
यह सुनते ही अरविंद कुमार शर्मा के होश उड़ गये आनन-फानन में इसकी शिकायत
जिलाधिकारी और जिला परिवहन पदाधिकारी से की गयी.
डीटीओ बाल मुकुंद प्रसाद फौरन एक्शन में आ गये. जांच में सारा फर्जीबाड़ा उजागर हुआ.
इसके बाद डीटीओ ने फर्जी ऑनर के नाम निर्गत आरसी कैंसिल कर दिया और
असली ऑनर को नया आरसी निर्गत कर मामले का पटाक्षेप कर दिया.
डीटीओ ने बताया कि जांच में फर्जीबाड़ा करनेवालों का नाम उजागर हो गया है,
और वे उन सब पर प्राथमिकी दर्ज करा रहे है।
इधर गाड़ी के असली मालिक ने गाड़ी के पुनः अपने नाम हो जाने पर राहत की सांस ली है।
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