Miracle : रिम्स में Craniosynostosis का सफल ऑपरेशन

रांची: राजधानी के प्रमुख अस्पताल रिम्स में Craniosynostosis नामक विकट बीमारी से प्रभावित एक बच्चे का जटिल ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया है। इस बीमारी का प्रसार बहुत कम होता है, जिसके कारण इसका इलाज भी बहुत मुश्किल होता है।

यह सफल ऑपरेशन रिम्स के न्यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों की कुशलता और सीबी सहाय के नेतृत्व में सभी डॉक्टरों के कारण संभव हुआ है।
रिम्स बहुत बार चर्चा मे आ जाता है लापरवही उनमें एक प्रमुख करण है लेकिन रिम्स में ऐसे काम भी होते है जो जिवन देनेवाला होता है। शुक्रवार को भी रिम्स ने एक और कठिन ऑपरेशन की सफलता के साथ अपना नाम रोशन किया है।
झालदा के 8 वर्षीय बच्चे राहुल को जन्म से ही Craniosynostosis नामक दुर्लभ बीमारी थी। पिछले 8 सालों से उसकी परेशानी बढ़ रही थी। डॉक्टरों ने बताया कि इस बीमारी के कारण मरीज की खोपड़ी की हड्डियां विकृत हो जाती हैं, जिससे उसका दिमाग सही तरीके से विकसित नहीं हो पाता।

रिम्स में Craniosynostosis का सफल ऑपरेशन

राहुल के माता-पिता ने कई शहरों में उसका इलाज कराने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी पॉजिटिव परिणाम नहीं मिला। अंततः उन्होंने रिम्स में उसका इलाज कराने का निर्णय लिया, जहां डॉक्टर सीबी सहाय की टीम ने बच्चे के इलाज का प्रारंभ किया।

इलाज के दौरान, डॉक्टर सीबी सहाय ने बच्चे के सिर का जटिल ऑपरेशन करने का निर्णय लिया, जिसमें विभिन्न हड्डियों को काटकर उन्हें सही आकार में लाया गया। ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों की निगरानी में बच्चे को कई घंटे तक रखा गया। डॉक्टर सीबी सहाय ने बताया कि फिलहाल बच्चे की स्थिति सामान्य है और उन्हें आशा है कि जल्द ही उसे अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सकेगा।

क्रानियोसिनेस्टोसिस एक प्रकार की जन्मदोष होती है, जिसमें बच्चे की खोपड़ी की हड्डियां अत्यधिक तेजी से एक साथ जुड़ जाती हैं। यह बीमारी शिशु के मस्तिष्क के सही विकास से पहले होती है। बच्चे का मस्तिष्क विकसित होते समय, खोपड़ी अधिक विकृत हो सकती है। इसके अलावा, ये बीमारी जेनेटिक कारकों, सिंड्रोमिक या पर्यावरण से प्रभावित होने के साथ-साथ प्रीमैच्यूर बेबी के रूप में जन्म लेने से भी हो सकती है।

पारस अस्पताल

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