Ranchi Desk : भारतीय शिक्षण मंडल, ओडिशा पश्चिम प्रांत, केंद्रीय विश्वविद्यालय ओडिशा, गंगाधर मेहर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में जीएम विश्वविद्यालय के प्रांगण में प्रांत स्तरीय शोधार्थी सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. तिवारी उपस्थित थे, वहीं मुख्य वक्ता के तौर पर भारतीय शिक्षण मंडल के ब्रज प्रांत की अध्यक्ष डॉ. पूनम सिंह ने मंच पर उपस्थित थी. मुख्य वक्ता डॉ. पूनम सिंह ने कहा, हमे अपनी शिक्षा में भारतीयता का समावेश करना होगा। अगर हमे विश्वगुरु बनाना है तो शिक्षा का भारतीयकरण करना ही होगा।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. आर. के. तिवारी ने कहा, हम सभी भारतीय किसी न किसी कौशल में प्रवीण थे। यही कौशलता हमे आर्थिक, सामाजिक और बौद्धिक तौर पर श्रेष्ठ बनाते थे। लेकिन पश्चिमीकरण ने हमारे कौशल को नष्ट करने का कार्य किया। विकास एवं अर्थव्यवस्था के सभी सकारात्मक सिद्धांत हमारे सनातनी परंपरा में उपलब्ध है। आज आवश्यकता है कि हम सब अपनी सनातनी परंपराओं का पालन करे। इस प्रकार से हम पुनः सामाजिक, आर्थिक एवं बौद्धिक तौर पर विश्वगुरु बन सकते हैं। भारतीय शिक्षण मंडल ने विकसित भारत थीम के अन्तर्गत विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों से शोध पत्र आमंत्रित किए थे जिनकी प्रस्तुति भी विशेषज्ञों के समक्ष हुई। तथा पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम भी हुआ।
कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. दयानिधि पाठक ने किया। कार्यक्रम में भारतीय शिक्षण मंडल के विस्तारक डॉ. उमेश कुमार, सागर सिंह, केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड से डॉ. अमृत, मौलाना मझरूल हक़ विश्वविद्यालय पटना से डॉ. रणजीत कुमार, ओडिशा केंद्रित विश्वविद्यालय से डॉ. मनोज, डॉ. श्रीकान्त, डॉ. जगरनाथ पाढीं, युवा आयाम के डॉ. जसविंदर, रंकमणी बारिक, प्रांत मंत्री भारतीय शिक्षण मंडल, ओड़िशा पश्चिम प्रांत सहित भारतीय शिक्षण मण्डल के कार्यकर्ता एवं गंगाधर मेहर विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित हुए।