झारखंड विधानसभा घेराव : बेरिकेटिंग लगाने पर सुदेश महतो ने सरकार से किया सवाल

झारखंड विधानसभा घेराव : सुदेश महतो ने सरकार से किया सवाल

रांची : झारखंड विधानसभा घेराव : Barricades लगाने पर सुदेश महतो ने सरकार से किया सवाल- आजसू पार्टी

स्थानीय नीति लागू करने तथा ओबीसी के आरक्षण की सीमा बढ़ाने सहित

सात मांगों को लेकर सोमवार को विधानसभा का घेराव करेगी.

लेकिन उससे पहले ही आजसू कार्यकर्ताओं को अलग-अलग इलाके में रोक दिया गया है.

इस पर आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने विधानसभा अध्यक्ष से पूछा कि आखिर क्या कारण है कि

रांची जिले के चारों तरफ Barricades लगाया गया है. मामले पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हम पता लगाकर बताते हैं.

निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि

हम भी जमशेदपुर से आ रहे थे हमें भी रोका गया.

सुबह में पार्क में मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे तो बताया गया कि धारा 144 लगा हुआ है.

वहीं बीजेपी विधायक भानू प्रताप साही ने भी सवाल उठाया कि क्या अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाना गुनाह है.

कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए लिया गया निर्णय- आलमगीर आलम

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इस पर संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर ने सरकार के तरफ से जवाब देते हुए कहा कि लगातार समाचार पत्रों में विधानसभा घेराव का मामला आ रहा था. विभिन्न जिलों से विधानसभा घेराव करने लोग आ रहे हैं. इसलिए कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रयास किया गया है.

अमर बाउरी ने भी उठाया सवाल

सुदेश महतो ने कहा कि मैं तो डर के कारण हेलमेट पहनकर आये हैं कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाय. पुलिस के द्वारा जगह-जगह बेरिकेटिंग किये जाने के विरोध में विपक्ष के विधायक सदन में हंगामा कर रहे हैं. विधायक अमर बाउरी ने सवाल उठाया कि बोकारो से आने के दौरान जैना मोड़ में हमें भी रोका गया हम एक जनप्रतिनिधि हैं, इसलिए ये विशेषाधिकार हनन का मामला है.

जगह-जगह पर प्रशासन मुस्तैद

बता दें कि आजसू पार्टी 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने तथा ओबीसी के आरक्षण की सीमा बढ़ाने सहित सात मांगों को लेकर सोमवार को विधानसभा का घेराव करेगी. पार्टी ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. राज्य के विभिन्न जिलों से हजारों कार्यकर्ता इस घेराव कार्यक्रम में शामिल होंगे. पार्टी का प्रयास विधानसभा तक पहुंचने का होगा, हालांकि जिला प्रशासन ने भी कार्यकर्ताओं को धुर्वा पहुंचने से पहले ही रोकने का पूरा इंतजाम किया है. पार्टी की अन्य मांगों में सरना धर्म कोड लागू करने, जाति आधारित जनगणना कराने, आंदोलनकारियों को सम्मान देने आदि भी शामिल हैं.

भाषा को लेकर निकाला था मशाल जुलूस

पार्टी ने पहले बोकारो और धनबाद में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से भोजपुरी और मगही भाषा हटाने की मांग को लेकर विधानसभा घेराव करने का निर्णय लिया था, लेकिन बाद में राज्य सरकार द्वारा दोनों भाषाओं को सूची से हटा लिए जाने के बाद पार्टी ने इस कार्यक्रम में अन्य मांगों को भी शामिल करते हुए इस कार्यक्रम में अपनी पूरी ताकत लगाने का निर्णय लिया. इससे एक दिन पूर्व शनिवार को भी जिलों में पार्टी ने मशाल जुलूस निकाला.

रिपोर्ट: मदन सिंह

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