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Desk: एससी एसटी के वर्गीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने 1 अगस्त के फैसले को चुनौती देने वाली समीक्षा याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इस याचिका के जरिए आरक्षण के लिए अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के भीतर उपवर्गीकरण की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गयी थी।
एससी एसटी के उपवर्गीकरण के खिलाफ समीक्षा याचिका
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सात-न्यायाधीशों की पीठ द्वारा चैंबर में विचार की गई समीक्षा याचिकाओं को खारिज कर दिया गया। पीठ ने पाया कि रिकॉर्ड पर कोई त्रुटि स्पष्ट नहीं है। है। समीक्षा याचिकाओं के बैच पर 24 सितंबर को विचार किया गया था। अदालत का आदेश शुक्रवार को जारी किया गया है।
समीक्षा याचिका दायर करने वालों में ऑल पीपल्स पार्टी नेता थुमति रवि, वकील जयश्री पाटिल, संविधान बचाओ ट्रस्ट, डॉ. बीआर अंबेडकर ग्लोबल मिशन, ऑल इंडिया एससी/एसटी रेलवे कर्मचारी एसोसिएशन और नेशनल फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गनाइजेशन सहित कई व्यक्ति और संगठन शामिल है।
दरअसल, 1 अगस्त को एससी एसटी के उपवर्गीकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 6-1 के बहुमत से फैसला सुनाया था, जिसमें राज्य सरकारों को अधिमान्य आरक्षण के लिए एससी और एसटी के भीतर उप-वर्गीकरण बनाने का अधिकार दिया गया था, बशर्ते ये निर्णय अनुभवजन्य साक्ष्य और तर्कसंगत मानदंडों पर आधारित हों।