नई दिल्ली/रांची: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आवारा कुत्तों के आतंक पर स्वतः संज्ञान लेकर दर्ज मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली-एनसीआर के आवासीय इलाकों से आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कार्य में बाधा डालने वाले किसी भी संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह मुद्दा राजधानी रांची के लिए भी अहम है, जहां डॉग बाइट के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी देखी जा रही है। रांची सदर अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2023 में जहां 4,715 लोगों ने एंटी रेबीज का इंजेक्शन लिया था, वहीं इस साल अगस्त माह में अब तक यह संख्या 7,503 तक पहुंच गई है, जो 59% की वृद्धि दर्शाती है। सिर्फ जून 2025 में ही 6,815 लोगों को यह इंजेक्शन लगाना पड़ा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रांची नगर निगम आवारा कुत्तों की संख्या पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है, जिससे बच्चों का स्कूल जाना और गली में खेलना मुश्किल हो गया है। हालांकि, ‘होप एंड एनिमल ट्रस्ट’ नामक संस्था 2007 से कुत्तों की नसबंदी और वैक्सीनेशन का काम कर रही है और अब तक 1.33 लाख से अधिक स्ट्रीट डॉग की नसबंदी कर चुकी है। वर्तमान में रोजाना 18-20 कुत्तों की नसबंदी की जा रही है।
इसके अलावा, निगम क्षेत्र में करीब 11 हजार पालतू कुत्ते हैं, लेकिन अधिकांश मालिक उनके रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन को लेकर लापरवाह बने हुए हैं, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो रहा है।