डिजीटल डेस्क : स्वामी रामभद्राचार्य की तबीयत बिगड़ी, सीने में संक्रमण और सांस लेने में दिक्कत, देहरादून में उपचार जारी। तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरू स्वामी रामभद्राचार्य (74) की तबीयत अचानक बिगड़ गई है।
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक, उनके सीने में संक्रमण की शिकायत है जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी। उसी कारण उन्हें तत्काल एयर लिफ्ट कर देहरादून के सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
उपचार शुरू होने के बाद उनके हालत में कुछ सुधार होने की बात सामने आई है। चिकित्सकों की टीम के मुताबिक, घबराने वाली कोई बात नहीं है।
बदले मौसमी मिजाज से बिगड़ी स्वामी रामभद्राचार्य की तबीयत
तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरू रामभद्राचार्य के उपचार में जुटे चिकित्सकों की टीम ने बताया कि उन्हें सीने में संक्रमण की शिकायत है। देहरादून के सिनर्जी अस्पताल में उनका उपचार जारी है। उनके सेहत के संबंध में अपडेट मेडिकल बुलेटिन में चिकित्सकों ने बताया कि जगद्गुरू स्वामी रामभद्राचार्य को पहले ही शुगर और कार्डियक (दिल) सरीखे रोगों से पीड़ित हैं।
अस्पताल के डॉ. कृष्ण अवतार के मुताबिक, अब बदले मौसमी मिजाज में उन्हें सीने में संक्रमण हुआ जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत आई। उनके सीने में हुए संक्रमण का इलाज किया जा रहा है।
वह सतत चिकित्सकीय देखरेख में है और उनके स्वास्थ्य को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। वह हर छह महीने पर रूटीन चेकिंग के लिए देहरादून आते रहते हैं। उपचार के बाद अब स्वामी रामभद्राचार्य को राहत है।

चित्रकूट के तुलसी पीठ में जगद्गुरू का कुशलक्षेम जानने के पहुंचने लगे श्रद्धालु…
इस बीच जगद्गुरू स्वामी रामभद्राचार्य की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलते ही उनके चाहने वाले लोग और श्रद्धालु बड़ी संक्या तुलसी पीठ में फोन कर उनका हालचाल जानने में जुटे। रामभद्राचार्य की तबीयत खराब होने की खबर से उनसे जुड़े भक्तों को चिंता सताने लगी थी। बड़ी संख्या में लोग उनके आश्रम भी पहुंच गए।
देहरादून में उपचाराधीन स्वामी रामभद्राचार्य को जब यह जानकारी मिली तो उन्होंने ने अपने शुभचिंतकों के लिए संदेश जारी किया और कहा कि परेशान होने की जरूरत नहीं है।
उनके शुभचिंतकों तक पहुंचाई जा रही खबर में बताया गया है कि उनकी तबीयत पहले से बेहतर है और जल्द ही वह देहरादून के अस्पताल से डिस्चार्ज होकर वापस अपने चित्रकूट आश्रम पहुंचेंगे।

अयोध्या के राममंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं जगद्गुरू स्वामी रामभद्राचार्य…
भारतीय हिंदू आध्यात्मिक गुरू और राम कथाकार स्वामी रामभद्राचार्य उत्तर प्रदेश के चित्रकूट स्थित तुलसी पीठ के संस्थापक अध्यक्ष है। वह अयोध्या के राममंदिर आंदोलन से भी जुड़े रहे हैं। नेत्रहीन के होने के बावजूद रामचरितमानस को बाल्यावस्था में कंठस्थ करने के बाद से सत्संग में लीन स्वामी रामभद्राचार्य रामकथा में अपनी शैली के अनूठे वाचक गुरू हैं।
रामंमदिर आंदोलन में अदालती लड़ाई में भी उनकी भूमिका अहम रही थी। अयोध्या में इसी वर्ष राममंदिर के शुभारंभ और प्रभु श्रीराम के अपने मंदिर में विराजने के दौरान उन्हें विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया जहां वह प्रभु श्रीराम की प्रतिमा के पास पहुंचकर भावविह्वल हो गए थे। उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मविभूषण सम्मान भी प्रदान किया गया है।