तेजस्वी नीतीश मुलाकात पर चिराग का तंज

कहा सीएम की कुर्सी बचाने के लिए बना रहे हैं रणनीति

Patna- नीतीश तेजस्वी की हालिया मुलकात पर लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने तंज कसते हुए कहा है कि

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सरकती कुर्सी को बचाने के लिए रणनीति बना रहे हैं.

बता दें कि जातीय जनगणना के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 72 घंटों

का समय देते हुए कहा था कि यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ नहीं करते हैं

तो पटना से दिल्ली तक की पद यात्रा निकाली जाएगी.

इसके बाद तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के लिए समय की मांग की थी. लेकिन

जातीय जनगणना से अलग राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात के कई अर्थ निकालने जाने लगे.

इसे बिहार में बदलते राजनीतिक समीकरण से देख कर जोड़ा जाने लगा.

क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जातीय जनगणना के मुद्दे पर शुरु से ही अपना स्टैंड साफ रहा है,

वह जातीय जनगणना के पक्षधर रहें हैं और इस मुद्दे पर राज्य के सभी नेताओं को अपने साथ लेकर

प्रधानमंत्री से मुलाकात भी कर चुके हैं, इस प्रतिनिधित्व मंडल में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव भी शामिल थें,

तो इस मुद्दे पर उनका स्टैंड शुरु से ही साफ रहा है, इसमें किसी को कोई राजनीतिक दुविधा नहीं थी.

इसीलिए इस मुलाकात को जातीय जनगणना से हटकर बिहार में बदलते समीकरण से जोड़ कर देखा जाने लगा.

यह कयास लगाये जाने लगा कि बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच क्या खिचड़ी पक्की, कयास यह भी लगाया जाने

लगा कि जातीय जनगणना से आगे बढ़कर बिहार में किसी राजनीतिक समीकरण को

अंजाम तक पहुंचाने की रणनीति तो नहीं बन रही.

जातीय जनगणना तो बहाना है, असली मुद्दा कुर्सी बचाना है

इसी मुद्दे पर तंज कसते हुए चिराग पासवान ने कहा कि जातीय जनगणना तो बहाना है,

असली बात तो अपनी कुर्सी बचाने की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इफ्तार पार्टी के लिए पैदल जा सकते हैं,

लेकिन मुख्यमंत्री आवास से कुछ ही दूरी पर शिक्षक अभ्यर्थियों के धरना प्रर्दशन में नहीं जा सकते हैं.

उनकी पीड़ा जानने की कोशिश नहीं कर सकते हैं.  बदलते राजनीतिक समीकरण पर चिराग पासवान

ने कहा कि 2015 में जब महागठबंधन की सरकार बनी थी तो किसी को कानों कान खबर भी नहीं हुई थी,

तो इस बार इस संभावना से इनकार तो नहीं किया जा सकता.   

कोइलवर पुल का उद्घाटन पर नहीं दिख रहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर

इस बीच कोइलवर पुल का उद्घाटन के लिए तैयारियां शुरु हो गयी है, लेकिन इन तस्वीरों में मुख्यमंत्री

नीतीश कुमार की तस्वीर कहीं दिखलाई नहीं पड़ रही.

मुख्यमंत्री की तस्वीर गायब रहने से भी यह माना जाने लगा कि भाजपा और जदयू के बीच

अन्दर खाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, इतने बड़े मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री की तस्वीर

का गायब रहना कोई सामान्य बात नहीं है.

इसे भी बिहार में बदलते राजनीतिक समीकरण से देखा जाने लगा.

वैसे विवाद बढ़ता देख कर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने इन सभी कयासों पर विराम लगाने की कोशिश की.

उन्होने कहा कि यह भाजपा का अपना पोस्टर है, यह कोई सरकारी पोस्टर नहीं है

. जातीय जनगणना के मुद्दे पर अशोक चौधऱी ने कहा कि इस मुद्दे पर जदयू का स्टैंड साफ है, जातीय जनगणना तो होना ही है.

जब उनसे चिराग पासवान के बयानों पर प्रतिक्रिया ली गयी तो अशोक चौधरी ने कहा कि हम चिराग को नोटिस नहीं करते

भाजपा जदयू के बीच बढ़ती दूरी के बीच राजद की बल्ले बल्ले

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