Saraikela : सरायकेल खरसावां जिला के चांडिल अनुमंडल अंतर्गत चैनपुर गांव में बाघ का आतंक देखने को मिला है जहां जंगल में तीन दिनों से बाघ ने डेरा डालकर रखा है। वन विभाग की अनदेखी के कारण कभी भी बड़ी घटना की संभावना जताई जा रही है। चैनपुर गांव के एक परिवार के लोगों ने दावा किया कि बुधवार की रात 8 से 9 बजे के बीच उनके घरों की आंगन के सामने बाघ देखा गया। यह बाघ विगत तीन दिनों से चैनपुर गांव के चांडिल डैम के मुख्य नहर के ऊपरी जंगल में कोई गुफा है जहां रहने की संभावना जताई गई है।
पदाधिकारियों ने अबतक नहीं ली सूद
वाइल्ड लाइफ के कोई पदाधिकारियों ने अबतक इसकी सूद नहीं ली है। जिसके बाद आज चांडिल वन क्षेत्र के पदाधिकारी की टीम निरीक्षण करने पहुंचे। जिसके बाद लोगों का वन विभाग के प्रति नाराजगी देखा गया। चैनपुर गांव के ग्रामीण हराधन महतो ओर धर्मपत्नी मालती देवी दावा किया कि बुधवार की रात 9 बजे आसपास अपने घर की आंगन में धान को चूल्हे में भपा रहा था। कार्यस्थल से महज 30 से 50 फीट दूर रॉयल बंगाल टाईगर खड़ा था जो घरों की बाहर बिजली लाईट जलने के कारण बाघों को स्पष्ट दिखाई दे रहा था।
पहली बार मालती देवी ने इतनी नजदीक से बाघ देख कर डर गई और अपने पति को आवाज दी। जिसके बाद उनके पति ने बाघों को देकर पति पत्नी भाग कर घरों का दरवाजा लगाया और अपने परिवार को सावधान रहने को कहा। मालती देवी घरेलू काम करने में मस्त थी। धान को हांडी से भापा रही थी। चूल्हे में आग जलने के कारण बाघ का हिम्मत नहीं हुआ और महिला का नजर पड़ गया। आपने समझदारी से बाल बाल बचे गई।
Saraikela : तीन दिनो से डेरा डाले हुए है बंगाल टाइगर
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में एक सप्ताह से अधिक का समय हो चुका है जो रॉयल बंगाल टाईगर उड़ीसा राज्य पहुंचा था। चौका थाना क्षेत्र के तुलग्राम ओर बालीडीह के बाद तीन दिनों से अब बहुउद्देशीय सुवर्णरेखा परियोजना चांडिल डैम के मुख्य नहर के ऊपर चैनपुर जंगल में डेरा डाला हुआ है।
ग्रामीणों का दावा है कि यह नर नहीं बाघनी है। गुरुवार को दिन में तीन बजे के आसपास चांडिल गोलचक्कर से कटिया जानेवाले सड़क के आसपास पुराना अलकतरा गोदाम के ऊपरी जंगल के पास तारा चंद महतो एवं कोका मछुआ जब चांडिल बाजार से अल्वस्टर लोड करके चैनपुर अपने गांव आने के दौरान जंगल में बाघ देख कर भाग निकले।
ग्रामीणों में दहशत का माहौल
ग्रामीणों का कहना है कि चांडिल वन क्षेत्र पदाधिकारी द्वारा अबतक टाईगर की अनुसंधान नहीं किया। ना ही ग्रामीणों के बीच पहुंचे। रॉयल बंगाल टाईगर से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से वन विभाग जल्द बाघों को रेस्क्यू करके पकड़े।
शाम ढलते ही ग्रामीण घरों में घुस जाते हैं। बाघों का डर इस तरह हावी हुआ कि लोगो रात्रि पहरेदारी करने की विचार कर रहे हैं। अब ग्रामीणो निजी स्तर से अपने परिवार की सुरक्षा करने पर मजबूर हैं। वन विभाग के प्रति लोगों की नाराजगी है। इस संबंध में वन विभाग ने कोई पुष्टि नहीं किया है परंतु क्षेत्र में बाघ की आतंक जारी है। क्षेत्र के विभिन्न जगह पर टाइगर की पदमार्ग देखने को मिला है।
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