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Sahibganj: जिले के मोकिमपुर पंचायत के शोभापुर गांव में गुरुवार की शाम उस समय हलचल मच गई, जब गंगा नदी के किनारे एक मृत डॉल्फिन बहकर आ गई। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन रक्षी पप्पू यादव के नेतृत्व में विभाग की टीम मौके पर पहुंची और डॉल्फिन को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पोस्टमॅार्टम रिपोर्ट से ही मौत का कारण साफ हो सकेगा ।
डॉल्फिन के शिकार पर होगी कार्रवाई
गंगा नदी की डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया है। यह जीव वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में शामिल है, जिसके तहत इसके शिकार या किसी भी तरह की अवैध गतिविधि पर कठोर कार्रवाई का प्रावधान है। इससे पहले भी कई डॉल्फिन मृत पाई गई थीं। उन मामलों में जांच के बाद कुछ लोगों पर कार्रवाई की गई थी।
शिकार रोकने के लिए विशेष अभियान
वन विभाग की टीम ने आम नागरिकों से डॉल्फिन से जुड़ी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी विभाग को देने की अपील की है। अधिकारियों ने बताया कि डॉल्फिन का मांस और तेल बाजार में ऊंचे दाम पर बिकता है, जिसकी वजह से इसके शिकार की संभावना बनी रहती है। इस अवैध गतिविधि को रोकने के लिए राजमहल अनुमंडल क्षेत्र में मछुआरों के सहयोग से विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
डॉल्फिन की संख्या में बढ़ोतरी
राष्ट्रीय सर्वे के अनुसार साहिबगंज की गंगा नदी में डॉल्फिन की संख्या में इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, यहां 250 से अधिक डॉल्फिन पाई जाने की संभावना है। डॉल्फिन को देखने के लिए जिले के चानन गांव में एक वॉच टावर का भी निर्माण कराया गया है, जहां पर्यटक सुरक्षित तरीके से गंगा की लहरों में डॉल्फिन को देख सकते हैं।
मछुआरों के जाल में फंसने से होती रही है मौतें
साहिबगंज के डीएफओ ने बताया कि इससे पहले भी कई डॉल्फिन मछुआरों के जाल में फंसकर अपनी जान गंवा चुकी हैं। विभाग इस दिशा में लगातार सतर्कता बरत रहा है और जन-जागरूकता अभियान भी चला रहा है।