प्रशासन की आंख का पानी मरा, गंदे पानी पीने को विवश ग्रामीण

गिरिडीह : प्रशासन की आंख का पानी मरा- एक ओर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा

गांव-गांव तक चौमुखी विकास करने की बात कही जाती रही है.

सरकार द्वारा लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं चलाई जाती है.

वहीं आज भी गिरिडीह में कुछ ऐसे गांव हैं

जहां के लोग पीने के लिए स्वच्छ पानी के लिए तरस रहे हैं.

मजबूरन उन्हें नदी-नाले का गंदा पानी पीना पड़ता है.

ऐसे में विकास की अन्य बातें भी इन इलाकों के लिए बेमानी है.

ऐसा ही एक गांव गिरिडीह के तिसरी प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलोमीटर की दुरी पर स्थित जमुनियाटांड़ है. जहां के लोग सोति का पानी पीने को मजबूर हैं. मुख्यालय के नजदीक बसे 200 लोगों की आबादी वाले इस गांव के लोग लगभग 20 वर्षों से पानी का बर्तन सर पर लेकर पगडंडियों के सहारे आधे किलोमीटर दूर स्थित एक सोति से पानी लाते हैं. ऐसे में इन लोगों के बीच विभिन्न प्रकार की बीमारी फैलने का भी खतरा बना रहता है.

क्या है हर घर जल योजना

हर घर जल योजना भारत सरकार द्वारा 2019 में हर ग्रामीण घर में 2024 तक नल का पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई एक योजना है. वित्त मंत्री ने 2019 के केंद्रीय बजट में इस योजना की घोषणा की थी. हर घर जल तब से राज्यों के साथ साझेदारी में लागू किया जा रहा है.

जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल योजना का उद्देश्य ग्रामीण भारत के सभी घरों में 2024 तक व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत अनिवार्य तत्वों के रूप में स्रोत स्थिरता उपायों जैसे कि भूजल प्रबंधन, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुनर्भरण और पुन: उपयोग को भी लागू किया जायेगा.

हर घर जल योजना की मुख्य विशेषताएं

  • इस “हर घर जल” परियोजना में 25 शहरों में निर्मित 40 जलापूर्ति योजनाएं शामिल हैं.
  • यह पूरे भारत में 23 जलाशय, 21 ओवरहेड टैंक, 7 रिवर टैंक भी बनाएगा.
  • साथ ही 1730 बस्तियों में 1223 ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण किया जायेगा.
  • हितधारकों की क्षमता निर्माण और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए पानी के महत्व पर समुदाय में जागरूकता पैदा करना है.

हर घर जल योजना के उद्देश्य

  • इस परियोजना का उद्देश्य देश के हर घर में सुरक्षित पेयजल कनेक्शन देना है.
  • आंकड़ों के मुताबिक भारत के कई शहर पानी से सूख जाएंगे, इसलिए सरकार ने यह पहल की है.
  • गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों, सूखा प्रवण और रेगिस्तानी क्षेत्रों के गांवों, सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) गांवों आदि में एफएचटीसी के प्रावधान को प्राथमिकता देना.
  • विद्यालयों, आंगनबाडी केन्द्रों, ग्राम पंचायत भवनों, स्वास्थ्य केन्द्रों, आरोग्य केन्द्रों तथा सामुदायिक भवनों को कार्यात्मक नल कनेक्शन प्रदान करना.
  • नल कनेक्शन की कार्यक्षमता की निगरानी करना.
  • जल आपूर्ति प्रणाली और जल आपूर्ति अवसंरचना लिए धन की स्थिरता सुनिश्चित करने में सहायता करना.

रिपोर्ट: चांद

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