सरायकेला: अंधविश्वास और डायन प्रथा के खिलाफ दो दशकों से भी अधिक समय से संघर्ष कर रहीं पद्मश्री सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता छुटनी महतो के प्रेरणादायक जीवन पर अब फिल्म बनने जा रही है। फिल्म का निर्माण ओडंबरा एंटरटेनमेंट के बैनर तले किया जा रहा है, जिसे पहले तेलुगू में और बाद में हिंदी डब वर्जन में रिलीज किया जाएगा।
फिल्म की स्क्रिप्ट तैयार हो चुकी है और कास्टिंग का काम तेजी से चल रहा है। छुटनी महतो की भूमिका निभाने के लिए एक प्रसिद्ध तेलुगू अभिनेत्री का चयन किया जाएगा, जबकि फिल्म से जुड़ी अभिनेत्री प्रियदर्शनी कृष्णा इस समय सरायकेला पहुंचकर छुटनी महतो के जीवन को करीब से समझ रही हैं। इस अवसर पर फिल्म यूनिट की ओर से छुटनी महतो को सम्मानित भी किया गया और सामाजिक कार्यों में सहयोग के लिए एक कार उपहार स्वरूप दी गई।
छुटनी महतो ने फिल्म बनने पर उत्साह जताते हुए कहा, “अब तक लोग हीरो-हीरोइन की फिल्में देखते थे, लेकिन अब मेरे जीवन पर बनी फिल्म लोग देखेंगे, यह मेरे लिए गर्व की बात है।” उन्होंने फिल्म निर्माण से जुड़े सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
फिल्म की शूटिंग झारखंड और हैदराबाद में होगी। प्रियदर्शनी कृष्णा ने बताया कि फिल्म में छुटनी महतो की संघर्षपूर्ण यात्रा को सजीव रूप से दिखाया जाएगा।
गौरतलब है कि साल 1995 से छुटनी महतो डायन प्रथा के खिलाफ संघर्ष कर रही हैं। अब तक वे 200 से अधिक पीड़ित महिलाओं को बचा चुकी हैं और उनका पुनर्वास कर चुकी हैं। वे वर्तमान में सरायकेला के वीर बांस गांव में एक आश्रय केंद्र भी चला रही हैं। साल 2021 में उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
छुटनी महतो का जन्म 1959 में झारखंड के भोलाटी गांव में हुआ था। बचपन में ही उनका विवाह हो गया था। 1995 में उन्हें डायन करार दिया गया और यौन उत्पीड़न, सामाजिक बहिष्कार जैसी अमानवीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से एक लंबा संघर्ष छेड़ा, जो आज भी जारी है। उन्होंने अपनी बेटियों को भी इस लड़ाई में शामिल किया है।