पहला गांव जहां सालोंभर होती है मशरूम की खेती, अनीता को मशरूम लेडी के नाम से आज जिले में मिली है पहचान

पहला गांव जहां सालोंभर होती है मशरूम की खेती, अनीता को मशरूम लेडी के नाम से आज जिले में मिली है पहचान

नालंदा : बिहार का पहला गांव अनंतपुर है, जहां सालोंभर मशरूम की खेती होती है। आज पूरे जिले में इसका रिकॉर्ड उत्पादन कर मशरूम लेडी के नाम से अनीता देवी की पहचान हैं । यहां के मशरूम पूरे देश में भेजा जाता है। एयरकंडिशनर यूनिट लगाकर अच्छी कमाई कर रहे हैं। यहां सालोभर आयस्टर का उत्पादन किया जाता है। अनीता देवी की मानें तो सीजन यानि अक्टूबर से अप्रैल तक रोज जिले में करीब एक हजार किलो आयस्टर मशरूम का उत्पादन होता है। लोग इसे ‘मशरूम गांव’ के रूप में जानते हैं।

पकौड़ा, अचार और सुखौता बनाते हैं

अनीता देवी बताती है कि मशरूम का पकौड़ा, अचार और पावडर बनाते हैं। सुखौता तैयार कर सालोंभर बेचते हैं। खासियत यह कि इसे घर में एक साल तक रखा जा सकता है। कच्चा के मुकाबले इसमें 20 फीसद अधिक प्रोटीन की मात्रा रहती है। यहां पर अनीता मशरूम स्पॉन लैब में बीजों की मांग सूबे के कई जिलों में हैं।

अनीता देवी पति संजय कुमार ने बताया कि मशरूम की खेती यानी कम लागत में अधिक मुनाफा। इसकी खेती फुल टाइम या पार्ट टाइम स्वरोजगार के रूप में कर सकते हैं। एक किलो मशरूम तैयार करने में लागत 60 से 70 रुपया आती है। बाजार में कीमत है 120 रुपए किलो है। अच्छी बात यह कि इसकी खेती के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं पड़ती है।

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राजा कुमार की रिपोर्ट

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