हेमंत सोरेन ने मारी पलटी, कहा 1932 का खतियान नहीं हो सकता नियोजन का आधार

खतियान आधारित नियोजन नीति का निर्माण कानूनी रुप से संभव नहीं- हेमंत सोरेन

Ranchiखतियान आधारित नियोजन नीति से पलटे हेमंत सोरेन-मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी विभाग के अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक बड़ी घोषणा की है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि कानूनी रुप से खतियान के आधार पर नियोजन नीति का निर्माण नहीं किया जा सकता.

यदि खतियान को आधार बना कर नियोजन नीति का निर्माण किया भी जाता है तो उसे कोर्ट लागू नहीं करने देगा, कोर्ट में उसका बचाव करना भी मुश्किल होगा.

लेकिन हम यह विश्वास दिलाते हैं कि इसका निर्माण इस प्रकार से किया जाएगा कि कोर्ट में इसे सही भी ठहराया जा सके और झारखंडियों की भावनाओं का सम्मान भी हो, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा झारखंडियों को मौका मिल सके.

हम जानते हैं कि इसका निर्माण किस प्रकार किया जाना है.

भाजपा की कोशिश हमें उकसाने की है ताकि हम गलत निर्णय ले 

हेमंत सोरेन ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि पहले ये इधर बैठते थें और हम बोलिंग करते थें, आज स्थिति उल्टी है,

भाजपा हमें उकसाना चाहती है, ताकि हम गलत निर्णय ले लें, और सराकर की बदनामी हो.

लेकिन यह स्थिति नहीं आने वाली, हम इनकी ओर से फैलायी गयी गंदगी का सफाया करेंगे.

जिस प्रकार पानी में पत्थर मार कर उसे चेक किया जाता है, हम भी वही कर रहे हैं. उनकी मंशा को समझने की कोशिश कर रहे हैं.

खुद तो 1985 का आधार बनाया और दो वर्ष अन्दर ही 1932 पर आ गयी भाजपा 

आज भाजपा कह रही है कि भोजपुरी और मगही को भाषा सूची से हटा दें, इन्ही लोगों 1985 को आधार बना कर स्थानीय नीति का  निर्माण किया था, दो वर्ष भी नहीं बिता की आज 1932 पर आ गएं.

हमें झारखंडियों की भावना को समझते हुए नीतियां बनानी होगी. यही कारण है कि हमारी सरकार ने नियुक्ति नियामवली का निर्माण इस प्रकार करवाया है कि ज्यादा से ज्यादा मौका झारखंडियों को मौका मिल सके.

व्यवस्था में चारो तरफ वायरस

हमारी सरकार दो और पांच साल के लिए नीतियों का निर्माण नहीं करने वाली , हम आने वाली पीढ़ियों के लिए काम कर रहें है.

हमें जो व्यवस्था मिली है, उसमें चारों तरफ वायरस है, इस वायरस को  साफ करते-करते हमारी हालत खराब है.

नियुक्ति में जो भी विसंगतियां थी हमारी सरकार ने उसे दूर करने काम किया.

पांच लाख की नौकरी की नहीं, रोजगार की बात की थी  

हमने कभी भी पांच लाख नौकरी की बात नहीं की, हमने पांच लाख रोजगार देने की बात की थी.

मौका मिला तो हम भी बनेंगे प्नधानमंत्री, लेकिन जुमलेवाजी नहीं करेंगे

मौका मिला तो हम भी प्रधानमंत्री बन सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री की तरह हम जुमलेवाजी नहीं करेंगे.

हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने एक चैनल में साक्षात्कार के दौरान इस बात का दावा किया था कि आयुष्मान योजना के तहत पैसा सिर्फ केन्द्र सरकार देती है.

विपक्ष के लोग कहते हैं कि यह सरकार निकम्मी है, लेकिन 14 वर्षों तक इस राज्य में भाजपा की ही सरकार रही, हमें तो साढ़े तीन वर्ष का ही मौका मिला.

इसमें से दो वर्ष कोविड में निकल गया. बाबूलाल के जमाने में पहली बार सरप्लस बजट बनाया गया, लेकिन उसके बाद खजाना खाली होता गया.

अगले पांच वर्ष में केन्द्र के समक्ष नहीं फैलाना होगा हाथ

हम जिन नीतियों का निर्माण कर रहें है, जिस दिशा में राज्य को ले जाने की कोशिश कर रहें है, यदि सब कुछ ठीक रहा तो पांच से दस वर्ष में झारखंड आत्मनिर्भर बन जाएगा, केन्द्र के समक्ष हमें हाथ नहीं फैलाना होगा.

झारखंड पहला राज्य जहां एकल महिला को दिया जा रहा है पेंशन

हमने यूनिवर्सल पेंशन की शुरुआत की है, इसमें सभी वर्गों को जोड़ा जा रहा है, झारखंड पहला राज्य है जहां एकल महिला को भी पेंशन दिया जा रहा है.

कोल इंडिया के एक करोड़ तक के योजना का काम विस्थापित ही करेंगे यह प्रावधान हमने करवाया है.

इसके साथ ही कोल फील्ड में 2013 का अधिग्रहण कानून के तहत ही जमीन अधिग्रहण किया जाएगा.

देश की बांटने की साजिश है कश्मीर फाइल्स

कश्मीर फाइल्स पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देश को बांटने की साजिश है, यह फुट डालो और राज्य करो की नीति का ही विस्तार है.  भाजपा को यूपी चुनाव के बाद गुरुर छाया हुआ है,

लेकिन वह भूल रहे हैं कि कई स्थानों पर उनकी जीत हजार दो हजार से हुई है.

आने वाले दिनों में देश की जनता सबक सिखलायेगी.

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