किसान बताते हैं कि यह एक नकदी फसल है और पूरे साल में 9 महीने में 3 बार इसकी खेती भरपूर की जाती है. यह आमदनी का एक अच्छा स्रोत भी माना जाता है. प्रत्येक दिन हजारीबाग के इचाक प्रखंड क्षेत्र से लगभग तीन से चार ट्रक धनिया पत्ती का निर्यात होता है. आज धनिया पत्ती की खेती कर किसान आत्मनिर्भर बन रहे है. जिसमें महिला किसानों की भी महत्वपूर्ण भूमिका देखी जा रही है.
किसान संदीप ने बताया कि धनिया की खेती में कम समय में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. 40 से 45 दिनों में धनिया के पौधे तैयार हो जाते हैं. इस वजह से किसान इसकी खेती से जुड़ रहे हैं. किसान 20 केजी से लेकर 100 केची तक धनिया लगाते हैं.
किसान प्रकाश ने बताया कि इचाक में धनिया की खेती बहुत अच्छी होती है. इससे काफी मुनाफा भी हुआ है और जिले का विकास हो रहा है. उन्होंने 2 एकड़ में धनिया की खेती की है. 6 महीने में धनिया पूरी तरह तैयार हो जाएगा और 6-7 लाख का मुनाफा देगा.