प्रयागराज के महाकुंभ में दिखेगी सनातन संस्कृति की गौरवशाली परंपरा, सीएम योगी ने दिए जरूरी निर्देश

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डिजीटल डेस्क : प्रयागराज के महाकुंभ में दिखेगी सनातन संस्कृति की गौरवशाली परंपरा, सीएम योगी ने दिए जरूरी निर्देश। मंगलवार को लखनऊ में प्रयागराज महाकुंभ, अयोध्याधाम विकास तथा नैमिषारण्य धाम में पर्यटन विकास के संबंध में जारी और प्रस्तावित परियोजनाओं की केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत संग सीएम योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा की।

इसमें सीएम योगी ने कहा कि – ‘12 वर्षों के अंतराल के उपरांत इस वर्ष आयोजित होने जा रहा प्रयागराज महाकुंभ अब तक के सभी कुंभ पर्वों के सापेक्ष कहीं अधिक दिव्य और भव्य होगा। मानवता की यह अमूर्त सांस्कृतिक विरासत पूरी दुनिया को सनातन भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परंपरा, विविधतापूर्ण सामाजिक परिवेश और लोक आस्था का साक्षात्कार कराएगी।

महाकुंभ में हर श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा में स्नान सुलभ हो, इसके लिए राज्य सरकार संकल्पित हैं। नदी में जीरो डिस्चार्ज सुनिश्चित किया जा रहा है’।

पीएम के मार्गदर्शन में भव्य-दिव्य महाकुंभ के लिए तैयार है टीम यूपी

बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि –‘प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन में भव्य-दिव्य महाकुंभ के लिए टीम यूपी तैयार है। 2019 कुंभ में कुल 5,721 संस्थाओं का सहयोग लिया गया था, जबकि महाकुंभ में लगभग 10 हजार संस्थाएं एक उद्देश्य के साथ कार्य कर रही हैं।

4000 हेक्टेयर में विस्तीर्ण 25 सेक्टरों में बंटे महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। 12 किमी लंबाई के घाट, 1850 हेक्टेयर में पार्किंग, 450 किमी चकर्ड प्लेट, 30 पांटून पुल, 67 हजार स्ट्रीट लाइट, 1,50,000 शौचालय, 1,50,000 टेंट के साथ ही 25 हजार से अधिक पब्लिक एकोमडेशन की व्यवस्था की जा रही है।

हनुमान मंदिर कॉरिडोर, अक्षयवट पातालपुरी, सरस्वती कूप, भारद्वाज आश्रम, द्वादश माधव मंदिर, शिवालय पार्क, दशाश्वमेध मंदिर, नागवासुकी मंदिर जैसे पवित्र स्थलों में पर्यटन विकास से संबंधित जारी सभी कार्य प्रत्येक दशा में 30 नवंबर तक पूरे कर लिए जाएं।

पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के विशेष स्नान पर्व पर सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है’।

सीएम योगी की फाइल फोटो
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महाकुंभ 2025 में पूरे भारत की संस्कृति का दर्शन कराने की है तैयारी

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने बैठक में कहा कि – ‘प्रयागराज महाकुंभ 2025  में पूरे भारत की संस्कृति का दर्शन हो, इसके लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय तैयारी कर रहा है। बेहतर आयोजन के लिए यह उचित होगा कि मेला क्षेत्र में होने वाले विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश, दोनों के परस्पर समन्वय से आयोजित हों।

इस संबंध में उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक समिति का गठन किया जाना चाहिए। महाकुंभ में होने वाले हर सांस्कृतिक आयोजन के व्यापक प्रचार प्रसार भी हो। सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थल मेला क्षेत्र में ऐसी जगह हो जहां अधिकाधिक श्रद्धालु और पर्यटक आसानी से पहुंच सकें।

महाकुंभ जैसे वृहद आयोजन में चार बिंदु (सूचना, स्वच्छता, संचार और सुरक्षा) सबसे महत्वपूर्ण हैं, जिन पर होलिस्टिक अप्रोच के साथ कार्य किया जाना चाहिए। हर किसी को सही सूचना मिलना, पूरे क्षेत्र में बेहतर सैनिटेशन व्यवस्था होना, मजबूत संचार तंत्र का होना और सबकी सुरक्षा के लिए प्रबंध होना, महाकुंभ को सफल आयोजन बनाने के मुख्य कारक बनेंगे।

… प्रयागराज महाकुंभ आयोजन की कार्ययोजना समग्रता को लिए हुए है। इसमें वह सभी अवयव हैं जो किसी वैश्विक आयोजन के भव्यता और सफलता के लिए आवश्यक हैं। नगर विकास, सिंचाई, एनएचएआई, पर्यटन, संस्कृति सहित सभी संबंधित विभागों की परियोजनाओं की बारी-बारी से प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि सभी कार्य समय से पूरे हो जाएंगे’।

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गजेंद्र शेखावत बोले – ‘महाकुंभ- 2025 यूपी के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का बड़ा अवसर’

बैठक में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि –‘महाकुंभ- 2025 उत्तर प्रदेश के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का बड़ा अवसर है। महाकुंभ में विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए एप तैयार कराएं। साइनेज पर बारकोड भी लगाएं, जिसे स्कैन करके पर्यटक संबंधित स्थल की जानकारी तो पाए ही, मेला क्षेत्र में विविध लोकेशन की जानकारी भी पा सकें।

पुलिस हेल्पलाइन के लिए महाकुंभ एप में वन टच हेल्प की व्यवस्था सुविधाजनक हो। देश के सभी एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन एवं प्रमुख स्थलों पर महाकुंभ के एप का क्यूआर कोड को प्रदर्शित करें।

महाकुंभ में आने वाले लोग प्रयागराज के अतिरिक्त अन्य पर्यटन स्थलों की ओर भी जाना चाहेंगे और उत्तर प्रदेश में तो इसके दृष्टिगत अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में पर्यटन विभाग द्वारा टूअर प्लान तैयार किया जाए। हमारा प्रयास हो कि प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण किंतु अल्पज्ञात स्थलों का चिन्हांकन करते हुए इस ओर पर्यटकों को आकर्षित करने का भी प्रयास किया जाए।

…भारत सरकार के स्वदेश दर्शन योजना में उत्तर प्रदेश के नए पर्यटन स्थलों को जोड़ने की आवश्यकता बताई और कहा कि इस संबंध में प्रस्ताव यथाशीघ्र भेज दिया जाए’।

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