रांची: झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को टेट कराने की मांग से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने राज्य सरकार से इस मामले में विस्तृत जवाब तलब किया है। अदालत ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव से पूछा कि पिछले नौ वर्षों से टेट परीक्षा क्यों नहीं कराई गई।
याचिकाकर्ता नीलम कुमारी और अन्य की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य में अंतिम बार वर्ष 2016 में टेट आयोजित हुई थी। उसके बाद से अब तक परीक्षा नहीं कराई गई। परिणामस्वरूप, केवल 2016 में सफल हुए अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति का अवसर मिल रहा है, जबकि नए उम्मीदवारों को सरकारी सेवा में प्रवेश का मौका नहीं मिल पा रहा।
अदालत ने माना कि परीक्षा न होने से नई युवा प्रतिभाओं के अधिकारों का हनन हो रहा है। साथ ही, सरकार से यह भी स्पष्ट करने को कहा गया कि क्या निकट भविष्य में टेट आयोजित करने का इरादा है। यदि हां, तो परीक्षा कब होगी और पूरी प्रक्रिया कितने समय में पूरी की जाएगी।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) के दिशा-निर्देशों के मुताबिक प्रत्येक वर्ष कम से कम एक बार टेट परीक्षा कराना अनिवार्य है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को तय की है।