मुंगेर : मुंगेर गंगा पार टीकारामपुर में के ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है। एक तो पांच साल से बूढ़ी गंडक नदी पर बना अधूरा पूल जो मानसी ने टीकारामपुर को जोड़ती लोगों को मुंह चिढ़ा रही है। दूसरा नदी पर बांस के चचरी से बना पूल भी पानी की तेज़ धार में बह गया।
दरअसल, मुंगेर जिला अंर्तगत पड़ने वाला गंगा के उस पार आखरी पंचायत जहां की आबादी छह हजार के करीब है। वहां बूढ़ी गंडक नदी जिसमें अभी बाढ़ की स्थिति बनी है। तेज धारा में बांस के चचरी से बना पूल पहले तो डूबा और उसके बाद बह गया। इसी पूल से होकर लोग मानसी जाते थे। अब इस बाढ़ में अनलोगों को आने जाने के लिए केवल नाव का ही एक सहारा है।
इतना ही नहीं सरकार के द्वारा इस टीकारामपुर के बूढ़ी गंडक पर एक पूल का निर्माण लगभग सात साल पहले शुरू करवाया गया था, जिसे अधूरा बना छोड़ दिया गया। जो वहां के ग्रामीणों को मुंह चिढ़ाने का काम करता है।
ग्रामीणों ने बताया एक तो चचरी पूल गंडक के बहाव में बह गया। जो पूल का निर्माण प्रारंभ हुआ था वो पूल अभी अधूरा ही पड़ा है। दो साल से पूल निर्माण का पूरा कार्य बंद पड़ा। अगर वह पूल आज बन जाता तो ग्रामीणों को काफी सहूलियत मिलती। अब उनके आने जाने का एक ही मार्ग बचा है वो नाव है। नेता मंत्री सिर्फ इस गांव में वोट मांगने आते है और उसके बाद फिर लौट के यहां की सुध लेने भी नही आते है।
अम्रितेश सिन्हा की रिपोर्ट