रांची के विभिन्न घाटों से अवैध बालू निकासी और उग्रवादियों के वर्चस्व का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, पुलिस पर मिलीभगत के आरोप

रांची के विभिन्न घाटों से अवैध बालू निकासी और उग्रवादियों के वर्चस्व का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, पुलिस पर मिलीभगत के आरोप

रांची : विभिन्न घाटों से रात में बालू निकालने और बुढ़मू के छापर सहित अन्य घाटों पर उग्रवादियों और अपराधियों के वर्चस्व को लेकर हो रही मारपीट और आगजनी का मामला झारखंड हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले में एडवोकेट सरफराज ने एक याचिका दायर की है।

शनिवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस एके राय की बेंच ने रांची एसएसपी द्वारा दाखिल शपथ पत्र पर नाराजगी जताई। शपथ पत्र में कहा गया था कि बालू की अवैध ढुलाई के मामले में चार थानों के दारोगा को शोकॉज किया गया है।

याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट राजीव कुमार ने दलील दी कि पुलिस की मिलीभगत से बालू का अवैध कारोबार चल रहा है और थानों में एफआईआर की जगह केवल सनहा दर्ज हो रहा है। कोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए पूछा कि एफआईआर की बजाय सनहा क्यों दर्ज किया जा रहा है।

कोर्ट ने संकेत दिया कि ऐसा लगता है कि पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से अवैध खनन का कारोबार फल-फूल रहा है। कोर्ट ने एसएसपी को नया शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी।

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