डिजीटल डेस्क : CM Yogi का बड़ा बयान – मित्र और शत्रु को पहचानिए, नहीं तो होगा बांग्लादेश वाला हाल। पश्चिम त्रिपुरा के सिधाई मोहनपुर के बड़ोकाठाल स्थित श्री श्री काली सेवा आश्रम के माता सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के CM Yogi आदित्यनाथ ने सियासत, राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय लिहाज से काफी अहम बयान दिया।
CM Yogi बोले कि – ‘जो भी सामर्थ्यवान होगा, वह अपनी ताकत का अहसास दुश्मनों को कराएगा। उससे वह खुद सुरक्षित रहेगा और सामर्थ्यवान बना रहेगा। लेकिन जो भी अपनी ताकत को खो करके अपने दुश्मन और मित्र को समझने में भूल करेगा वह हमेशा उसी प्रकार का खामियाजा भुगतेगा जैसे आज बांग्लादेश के अंदर हो रहा है’।
CM Yogi दहाड़े – त्रिपुरा में बांग्लादेश की पुनरावृत्ति का दुस्साहस न करने दें
पद्म पुरस्कार से सम्मानित माता सिद्धेश्वरी मंदिर के स्वामी चित्तरंजन महाराज की ओर से पहनाई गई पगड़ी को धारण किए हुए संबोधन देने पहुंचे CM Yogi अहम विषयों पर खुलकर बोले।
CM Yogi ने कहा कि – ‘आज त्रिपुरा में अनुकूल सरकार है, अनुकूल परिस्थियां हैं। इन अनुकूल परिस्थितियों में हमें कार्य करना है। और कोई भी ऐसी स्थिति पैदा नहीं होने देनी है जो बांग्लादेश की पुनरावृत्ति करने का दुस्साहस यहां पर कर सके।
आज आप शांतिपूर्ण माहौल में अपने पर्व और त्यौहार मना पा रहे हो। कोई चिंता की बात नहीं। दुर्गा पूजा का आयोजन भव्यता के साथ होगा। क्या आज से 10 वर्ष पहले संभव था ? कठिन था, बहुत कठिन था। विघ्न-बाधाएं आती थीं। ये केवल त्रिपुरा में नहीं था, उत्तर प्रदेश में भी था।
अब माता त्रिपुरसुंदरी के धाम रूपी त्रिपुरा को आत्मनिर्भर बनने में कोई ज्यादा समय नहीं लगने वाला। लेकिन अपने मित्र और शत्रु को पहचानने की ताकत को भी पालना होगा। अगर हम सही दिशा में आगे बढ़े तो हमारा भविष्य उज्जवल होगा। कोई हमारा बाल बांका नहीं कर पाएगा। हमें इस दिशा में पूरे पवित्र हृदय से आगे बढ़ने की आवश्यकता है’।
CM Yogi ने त्रिपुरा से भाजपा और राम मंदिर के संबंधों का किया उल्लेख
CM Yogi ने अपने भाषण में त्रिपुरा के संत समाज और आस्थावान लोगों का भाजपा और उत्तर प्रदेश अयोध्या स्थित प्रभु श्रीराम के मंदिर से गहरे रिश्ते का भी उल्लेख किया।
CM Yogi बोले – ‘अयोध्या में जब राम मंदिर के निर्माण का कार्य प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हो रहा था तो त्रिपुरा के संत चित्त महाराज वहां थे। इनकी आंखों में वहां आंसू थे क्योंकि मंदिर निर्माण का संकल्प उनके गुरू शांति काली महाराज का था। गुरू के संकल्प को पूरा होते देखकर के उनके आंखों में आंसू थे। मैं देख रहा था।
मैंने वह दिन भी देखा है जब चित्त महाराज अपने गुरू की हत्या के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्रद्धेय अशोक सिंघल जी के पास आए थे कि मेरी सुरक्षा का क्या करूं। उस समय आडवाणी जी ने सुरक्षा प्रदान की थी। फिर उनसे कहा था कि आप त्रिपुरा में जाइए, आपको सुरक्षा मिलेगी।
आज कितना सौहार्दपूर्ण और सुरक्षित माहौल त्रिपुरा के अंदर है। मुझे याद है कि जब पूज्य संत शांति काली महाराज ने आश्रम की श्रृंखला को खड़ा करके कार्यक्रम को आगे बढ़ाया था 1994 में।
तब शांति काली महाराज ने जो संकल्प लिए थे उसको आज चित्तरंजन महाराज बिना रुके, बिना टिके और बिना डिगे मजबूती से कार्य कर रहे हैं। उनका कार्य अद्भुत था, सराहनीय था। वह हम सबके के लिए नई प्रेरणा है, अभिनंदनीय है’।
त्रिपुरा राजघराने का यूपी और खुद से आत्मीयता का CM Yogi ने किया खुलासा
CM Yogi आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में त्रिपुरा जनजातीय समाज के राजघराने से आत्मीयता का भी विशेष रूप से जिक्र किया।
CM Yogi ने कहा कि – ‘यहां त्रिपुरा के महाराज (राजकुमार प्रद्योत माणिक्य विक्रम देवबर्मन) भी हैं। हम दोनों एक ही परंपरा से जुड़े हुए हैं। उनका मातृपक्ष भी उत्तराखंड से हैं तो मेरा जन्म भी उत्तराखंड में हुआ है। इसीलिए एक आत्मीयता हममें है। उनका बचपन उत्तर प्रदेश में व्यतीत हुआ। लखनऊ में रहे।
उत्तर प्रदेश के बड़े भूभाग वाले लखीमपुर खीरी जिले में भी उनके एस्टेट का कुछ हिस्सा है। उनके ध्यान में एक बात जरूर लाना चाहूंगा कि त्रिपुरा स्वतंत्र इसलिए था क्योंकि त्रिपुरा के राजा के पास सामर्थ्य था, शक्ति थी और उन्होंने आक्रांताओं को भी अपनी ताकत का अहसास कराया था तब जाकर त्रिपुरा सुरक्षित रहा और स्वतंत्र भी।
इसी क्रम में आज से 7 साल पहले अपने उत्तर प्रदेश के भी हालत का जिक्र करना चाहूंगा। पर्व और त्यौहार आते थे तो दंगे शुरू हो जाते थे, गुंडागर्दी होती थी, बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं थीं। नौजवानों के लिए एंप्लायमेंट नहीं था। कहीं कोई सुविधा नहीं थी।
और आज यूपी में भी डबल इंजन की सरकार आई तो सुरक्षा का माहौल मिला, दंगाइयों के लिए बुलडोजर भी दिया गया और साथ-साथ भक्तों के लिए राम मंदिर का निर्माण भी कराया गया’।
बनारस का जिक्र कर बोले त्रिपुरा के राजकुमार – CM Yogi से मिलना चाह रहीं राजमाता
इससे पहले माता सिद्धेश्वरी मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे राजकुमार प्रद्योत माणिक्य विक्रम देवबर्मन का अहम संबोधन हुआ। उन्होंने बांग्लादेश, त्रिपुरा और सियासत पर खुलकर अपने विचार रखे एवं राजनेताओं को बांग्लादेश पर सोच-समझकर बयानबाजी करने की सलाह दी।
राजकुमार प्रद्योत विक्रम ने कहा कि – ‘हमारा दायित्व बनता है कि अपने लोगों का भविष्य अच्छा बनाएं। राज्य को आगे बढ़ाने के लिए सबका साथ और सबका विकास करना पड़ेगा एवं ये विकास अगरतला से भी बाहर होना चाहिए। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिला हूं और मेरी माता यानी त्रिपुरा की राजमाता उनसे मिलना चाहती हैं।
बनारस में भी त्रिपुरा घाट है। त्रिपुरा के महाराजा ने बनारस के हिंदू यूनिवर्सिटी में योगदान दिया। मेरी मां लखीमपुर खीरी से हैं। वहां भी मंदिर है, उसका भी देखभाल आपके द्वारा हो, ऐसा हम चाहते हैं।
बांग्लादेश में भी हमारे बहुत मंदिर हैं। आज उनका देखभाल कोई नहीं कर रहा है। मुझे चिंता वहां की भी है। बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक हैं उनको लेकर भी हमें चिंता है।
हमें आने वाले दिन में कुछ सोचकर, समझकर कदम उठाना चाहिए जिससे वहां अल्पसंख्यक हिंदू बंगाली हो या फिर जनजातीय हो, चाकमा हो, बौद्ध हो या क्रिश्चियन्स हो, उन्हें भी बांग्लादेश में सुरक्षा मिल सके’।
कार्यक्रम में मंच पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, पद्म सम्मान से सम्मानित संत चित्तरंजन महाराज, सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री विप्लव देव, राज्यसभा सदस्य एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य, एनडीए के अभिन्न सहयोगी और राजपरिवार के राजकुमार प्रद्योत विक्रम माणिक्य, विहिप के राष्ट्रीय सह मंत्री डॉ. शचींद्र नाथ सिन्हा आदि मौजूद रहे।