Thursday, September 4, 2025

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जितना समाज सशक्त होगा उतना ही नेतृत्व सशक्त होगा- सुनील सिंह

रांची. आज क्षत्रिय समाज की एक बैठक लाल गुटुवा बैंकेट हॉल में क्षत्रिय गौरव एकता बैठक पूर्व एमएलसी प्रवीण सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक की शुरुआत जय मां भवानी की गगनभेदी नारा के साथ द्वीप प्रजवल्लित कर किया गया।

कार्यक्रम में झारखंड के विभिन्न जिलों से आये क्षत्रिय समाज के सभी सदस्यों का स्वागत समाजसेवी लाल प्रेम प्रकाश नाथ शाहदेव ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अजय शाहदेव ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन सत्यनारायण सिंह ने किया।

बैठक में प्रवीण सिंह ने विषय वस्तु प्रवेश कराते हुए आज की बैठक की एजेंडे को रखा। पहला एजेंडा 2026 के फरवरी माह में एक विशाल जनसभा का आयोजन करना, देश में सवर्ण आयोग का गठन हो, सवर्ण वर्ग के कमजोर आर्थिक स्थिति वाले लोगों को दस प्रतिशत की आरक्षण प्राप्त करने हेतु अंचल कार्यालय से आय प्रमाण पत्र जारी किया जाए, समाज में अपनी रीति रिवाज और संस्कार को समाज के बच्चों को देना अनिवार्य हो।

आज की इस क्षत्रिय गौरव एकता बैठक में राज्य के कई जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बैठक में समाज की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक विषयों पर गहन विचार विमर्श किया गया। बैठक को चतरा के पूर्व लोकसभा सदस्य सुनील सिंह ने बैठक में पेश की गई पांच एजेंडा पर सबकी सहमति ली और बैठक में शामिल सभी सदस्यों ने एक स्वर में सभी एजेंडों को पारित किया।

सभा ने प्रवीण सिंह की अध्यक्षता में एक संचालन समिति का गठन किये जाने का भी प्रस्ताव पारित किया। महिला शिक्षा को आवश्यक बनाने का प्रस्ताव भी पारित किया। रांची में एक होस्टल निर्माण पर सहमति बनी। देश में परिसीमन को लागू कराने का प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित किया गया। समाज में मृत्यु संस्कार के नाम पर समाज के लोग कर्ज लेकर अपनी आर्थिक स्थिति खराब करते हैं, उस पर रोक लगनी चाहिए या संयम बरती जानी चाहिए।

समाज को सामूहिक विवाह कराने पर भी विचार किया जाना चाहिए। क्षत्रिय परिवार की जनसंख्या बढ़ाने पर भी विचार जानी चाहिए। बैठक को सम्बोधित करते हुए धनबाद के पूर्व सांसद पशुपति नाथ सिंह ने कहा कि क्षत्रिय समाज सम्मान का भूखा है, धन दौलत की नहीं। हम वैसे जगहों पर नहीं जाते जहां हमें आशा होती है कि मेरा सम्मान नहीं होगा। अब किसी भी राजनीतिक दल के द्वारा क्षत्रिय समाज का अपमान किये जाने का बदला लेने के लिए तैयार रहना चाहिए। जब तक अग्रेसिव नहीं होंगे तब तक हमें मान सम्मान नहीं मिलेगा।

सभा को पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह ने कहा कि क्षत्रिय समाज के हुतात्माओं ने त्याग, तपस्या और देश को बचाने हेतु अपनी आहुति दी है। उन अमर शहीदों को समाज न भूलें इसके लिए उनकी जयंती और पुण्यतिथि अवश्य मनाई जानी चाहिए। क्षत्रिय का कोई जाति नहीं होती है। हमारे छत्र छाया में जो आ जाये उसकी रक्षा करना हमारा धर्म है। उन्होंने ईडब्ल्यूएस के तहत मिलने वाली आरक्षण की समीक्षा समाज के द्वारा किये जाने पर जोर दिया।

सभा को संबोधित करते हुए शंभु सिंह ने कहा कि देश मे लोकसभा और विधानसभा की सीटों पर रोटेशन प्रणाली को फिर से शुरू की जाए ताकि जो सीटों का आरक्षण बदलता रहे। इस मांग को पूरा करवाने के लिए हमे एक बड़ी आंदोलन के लिए तैयार रहना चाहिए। बच्चों में अच्छे संस्कार देने काम माताएं करें। समाज के लोग क्षत्रिय समाज को मजबूत बनाने हेतु बाहरी भीतरी की राजनीति से बाहर आये। परिवार के बच्चों को कॉउंसलिंग अवश्य की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भी क्षत्रिय समाज बहुत मजबूत है तभी हमारे समाज से कई विधायक और सांसद बन रहे हैं।

सभा को सम्बोधित करते हुए गढ़वा नगर उंटारी के राजा सह पूर्व विधायक राजेन्द्र देव ने कहा कि समाज को सँगठित और मजबूत बनाने हेतु आपसी भेदभाव को भुलाना होगा। उन्होंने समाज को आश्वासन देते हुए कहा कि जब कभी भी समाज की बेहतरी के लिए कोई आंदोलन हो उसपर मैं बढ़ चढ़ कर भाग लेने के लिए तैयार हैं। समाज मे जो विखराव है, उस पर रोक लगे।

सभा को झारखंड़ के डीआईजी के पद से रिटायर्ड अधिकारी राजीव रंजन सिंह ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक केंद्रीय संचालन समिति का गठन किया जाए। सभा को सम्बोधित करते हुए चंद्रगुप्त सिंह ने कहा कि समाज के कमजोर लोगों को शक्ति प्रदान करने का प्रयास किया जाना चाहिए तभी समाज,राज्य और देश का कल्याण होगा।

सभा में किशोर शाहदेव, कविता परमार, मोती शाहदेव, मुन्ना सिंह, सुनील सिंह, जयनन्दू सिंह, रमेश सिंह कोकर, प्रेम सिंह, पूनम सिंह, सुरेंद्र सिंह, सुनील सिंह, विपिन सिंह, संतोष सिंह, सूरज शाहदेव, निर्भय सिंह, हेमन्त सिंहदेव, आदित्य राहुल देव, प्रवीण सिंह, भूपेंद्र, अभिषेक, आजत शत्रु, प्रियेश, सुधीर, सौरभ सिंह, मंजू सिंह, रीता सिंह, शिवानी सिंह, प्रमोद सिंह, जेपी शाहदेव, सुबोध शाहदेव, राणा ऋषिकेश, मनोज शाहदेव, आशीष शाहदेव, शंभु शाहदेव, गोपाल सिंहदेव, जीवेश सिंह सोलंकी, अजय सिंह, विकाश शाहदेव, प्रमोद सिंह आदि शामिल रहे।

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