घोड़े की चाल घुड़सवार पर निर्भर करती है:प्रदीप सिन्हा

पदाधिकारियों पर दोष मढ़कर मुख्यमंत्री  अपनी जिम्मेवारियों से बच नही सकते

रांची: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी जिसमे अबुआ वीर दिशुम अभियान की शुरुआत पर उन्होंने राज्य के पदाधिकारियों पर विकास कार्य की अनदेखी का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा कि घोड़े की चाल घुड़सवार पर निर्भर करती है।

प्रदीप ने कहा कि सिर्फ राजनीतिक आरोप लगाकर हेमंत सोरेन जी अपनी नाकामी को नहीं ढंक सकते। विगत चार वर्षों से मुख्यमंत्री को वन क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों के अधिकार की याद नहीं आई।हेमंत सोरेन जी पहले भी डेढ़ वर्षों तक राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

कहा कि पदाधिकारियों से काम न लेकर मुख्यमंत्री जी ने उन्हे लूट की छूट दे रखी है ।वो जनता की सेवा नही बल्कि सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं की तिजोरी भरने में जुटे हैं।

कहा कि राज्य सरकार के संरक्षण में झारखंड आकंठ भ्रष्टाचार में डूब गया है।इसलिए मुख्यमंत्री भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मौन साधे बैठे हैं। आरोपों के बावजूद दंडात्मक कार्रवाई नहीं करते। इसलिए ईमानदार अफसरों में गलत संदेश जाता है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी का यह कहना कि एक दो डिसमिल का पट्टा बंटवाकर कुछ उपायुक्तों ने उन्हे मूर्ख बनाया है तो इससे हास्यास्पद बयान कुछ नही हो सकता।

कहा कि जनता जानना चाहती है कि वैसे विकास विरोधी और मुख्यमंत्री को मूर्ख बनाने वाले अधियारियो पर उन्होंने क्या कार्रवाई की।उन्हे यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि कारवाई नहीं करने के पीछे कोई बाहरी दबाव तो काम नही कर रहा?

कहा कि घुड़सवार योग्य हो तो घोड़ा बिदक नही सकता।

कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन पर मुख्यमंत्री गंभीर होते तो राज्य के हालात कुछ और होते परंतु भ्रष्टाचार को राज्य की पहचान बना देना,जेल से रसूखदारों द्वारा कानून को ठेंगा दिखाना ,केंद्रीय योजनाओं को धरातल पर नही उतारना जैसे अनेक विफलताओं का डर अब उनके बयानों में दिखने लगा है।

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