झारखंड में ड्रग्स तस्करी का नया ट्रेंड, बुजुर्गों को लालच देकर बनाया जा रहा कुरियर। पुलिस ने जनवरी से मई तक 20.44 करोड़ का नशा जब्त किया।
रांची। ड्रग्स तस्करी करने वाले अब एक नया और चौंकाने वाला तरीका अपना रहे हैं। पैसे का लालच देकर वे बुजुर्ग लोगों को ऑनलाइन भर्ती कर रहे हैं और उन्हें नशे की डिलीवरी के काम में इस्तेमाल कर रहे हैं। इंटरपोल ने इस ट्रेंड की जानकारी मिलने पर अलर्ट जारी किया और सीबीआई को इसकी सूचना दी। इसके बाद झारखंड सीआईडी ने सभी जिलों के एसपी को सतर्क कर दिया है।
ड्रग्स तस्करी का नया ट्रेंड :
तस्करों ने बुजुर्गों को पैसे का लालच देकर तस्करी में शामिल करना शुरू किया
इंटरपोल की चेतावनी पर सीआईडी ने झारखंड के सभी एसपी को सतर्क किया
अफीम की खेती और ड्रग्स तस्करी के लिए झारखंड के 8 जिले कुख्यात
जनवरी से मई तक 20.44 करोड़ का नशा पकड़ा, 393 गिरफ्तार
नेटवर्क कई राज्यों में फैला, जिनमें राजस्थान, पंजाब और यूपी शामिल
राज्य के आठ जिले—चतरा, खूंटी, लातेहार, रांची, पलामू, चाईबासा, सरायकेला और हजारीबाग—अफीम की खेती और तस्करी के लिए बदनाम हैं। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि यहां के तस्कर राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक के नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।
20.44 करोड़ का नशा बरामद
जनवरी से मई 2025 के बीच झारखंड पुलिस ने लगातार छापेमारी कर करीब 20.44 करोड़ रुपये का नशा बरामद किया। इसमें शामिल हैं:
553 किलो से ज्यादा गांजा
66 किलो अफीम
2.5 किलो ब्राउन शुगर
करीब 10 टन डोडा
लाखों रुपये की नशीली टेबलेट, सिरप और इंजेक्शन
इन कार्रवाइयों में 389 केस दर्ज हुए और 393 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
झारखंड में नशे का यह बढ़ता कारोबार सिर्फ कानून-व्यवस्था की चुनौती नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए भी बड़ा खतरा बनता जा रहा है।
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