Chatra-भाषा विवाद की आंच अब धनबाद बोकरो से निकल कर चतरा में भी सुलगने लगी है. गिद्धौर प्रखंड मुख्यालय में झारखंडी जनसंघर्ष मोर्चा के बैनर तले हजारों लोगों ने भोजपुरी, मगही का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों ने गिद्धौर मुख्य चौक पर भगवान बिरसा की पूजा-अर्चना कर अपने पद यात्रा की शुरुआत की, जो बाद में सूर्य मंदिर परिसर में जन सभा में तब्दील हो गयी.
हाथों में तख्तियां लेकर 1932 का खतियान लागू-लागू करो और खोरठा को राज्य भाषा का दर्जा देने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के द्वारा बाहरी भाषा नहीं चलेगी, नहीं चलेगी का जोरदार नारा लगाया जा रहा था.
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सरकार झारखंडी भाषाओं को दरकिनार कर हम झारखंडियों पर बाहरी भाषा थोपने पर आमादा है. राजनेता पार्टी हित से उपर उठ कर झारखंड की जनता के बारे में सोचें, जो भी झारखंडियों के हित की बात करेगा, वही झारखंड पर राज करेगा.
रिपोर्ट- सोनू भारती
जल्द लागू होगा 1932 का खतियान, ओबीसी आरक्षण का दायरा भी बढ़ेगा- हेमंत