Ranchi– सालखन मुर्मू के बिगड़े बोल – पूर्व सांसद और सेगल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू ने
कहा है कि अधिकांश आदिवासी ग्राम प्रधान और परंपरागत स्वशासन व्यवस्था के तहत कार्य करने
वाले मांझी पियक्कड़ और अनपढ़ है.
पूर्व सांसद ने कहा कि इनका पद वंशानुगत होता है, इनके चयन में गांव वालों की कोई भूमिका नहीं होती है,
इन ग्राम प्रधानों और मांझियों को न तो संविधान की जानकारी है और न ही कानून कायदे की.
इन्हे सिर्फ हड़िया पीने और नाचने गाने से मतलब होता है. यही कारण है कि ये बेलगाम होते हैं.
किसी को डायन बता कर जुर्माना लगा देते हैं. फिर इस पैसे को खा-पीकर बर्बाद कर देते हैं.
अब समय आ गया है कि ग्राम प्रधान का चयन ग्रामीणों के द्वारा किया जाय.
सालखन मुर्मू ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस मामले में संवेदनशीलता के साथ दखल देने का आग्रह किया.
सलखान मुर्मू ने कहा कि झारखंड में काभी बड़े पैमाने पर टैक्स की चोरी हो रही है,
बालू और कोयले की तस्करी की जा रही है.
राजस्व का पैसा लोग अपने पॉकेट में भर रहे हैं, इस पर अंकुश लगाने की जरुरत है,
सरकार के काम काज पर टिप्पणी करते हुए सालखन मुर्मू ने कहा कि राज्य के मंत्री
अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं.
रिपोर्ट- उज्जवल