रांची : झारखंड राज्य सरकार ने फिर से केंद्रीय योजना के लंबित भुगतान की शिकायत नीति आयोग से की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में झारखंड मंत्रालय में हुई बैठक में यह बातें सामने आई हैं।
इस बैठक में राज्य सरकार ने केंद्रीय योजना की राशि के लंबित होने की वजह से विभिन्न विभागों से जुड़ी योजनाओं में विकास कार्यों में बाधा का उल्लेख किया है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए विशेष कार्य करने की आवश्यकता बताई है और नीति आयोग से यह आग्रह किया है कि विकास की राह में राज्यों को सहायता मिले।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने उदाहरण के रूप में मेडिकल कॉलेज का उल्लेख करते हुए कहा कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी और संसाधनों की अभाव होने के कारण उन्हें सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
इसके साथ ही, राज्य सरकार ने नीति आयोग से मांग की है कि राज्यों को उनकी अनुमति से भविष्य में योजनाएं बनाने की जरूरत है। इस दौरे में नीति आयोग के सदस्यों के साथ झारखंड पहुंचे सलाहकारों ने इस विषय पर चर्चा की।
बैठक के बाद नीति आयोग के सदस्य ने बताया कि राज्यों के विकास के लिए अब राज्य सपोर्ट मिशन के माध्यम से केंद्र सरकार योजनाओं का समर्थन करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि देश के 500 प्रखंडों को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार ने अभियान की शुरुआत की है और झारखंड में भी सुदूरवर्ती क्षेत्रों के ब्लॉकों को विकसित किया जाएगा।
इसके अलावा, राज्य सरकार ने रांची-साहिबगंज एक्सप्रेस वे और अन्य कोरिडोर्स के बारे में प्रस्ताव रखा है, जो राज्य के कई जिलों को जोड़ेंगे। राज्य सरकार ने इन प्रस्तावों को जल्द से जल्द केंद्र सरकार के माध्यम से अमल में लाने का आग्रह किया है।
बैठक में भोजन सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार ने आपत्ति जताई है कि केंद्र द्वारा निर्धारित राशन कोटा से अधिक लोगों की आवश्यकता होती है। इसलिए राज्य सरकार ने अपने स्तर पर राशन कार्ड जारी किए हैं, लेकिन राज्य सरकार को खुद अनाज खरीदना पड़ता है क्योंकि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया अनाज प्रदान नहीं करती है।
इस विषय पर राज्य सरकार ने नीति आयोग से मांग की है कि राज्य सरकार के राशन कार्डधारियों के लिए भी अनाज की आपूर्ति नीति आयोग के माध्यम से सुनिश्चित की जाए।