रोहतास: नाली, गली और सड़क को लेकर नियमित रूप से चुनावी मुद्दा बनाया जाता है. चाहे वह ग्राम पंचायत चुनाव हो या फिर नगर निगम चुनाव. जनप्रतिनिधी इन्ही मुद्दों को लेकर अपनी उम्मीदवारी तय करते हैं. लेकिन पांच साल बीतने के बाद भी वार्ड की गलियां और सड़कें तंग नजर आती हैं. जिससे सबसे अधिक परेशानी स्थानीय जनता को होती है.
दरअसल मामला नगर परिषद् बिक्रमगंज के वार्ड नंबर 05 का है. जहां आनंद नगर के लोग इन दिनों काफी नाराज नजर आ रहे हैं. इनके नाराजगी का कारण कोई और नहीं, बल्कि तालाबनुमा सड़क है. जहां ठंड के महिने में जल-जमाव नजर आ रहा है. जिससे स्थानीय लोगों की परेशानी बढ़ चुकी है और रात के समय में दुर्घटना आम हो गयी है. यह स्थिति मुख्य पथ की है, जो कि इंटर कॉलेज सहित स्टेडियम के अलावे कई विद्यालय व गांव से जुड़ा हुआ है. इस सड़क को लेकर नगर परिषद् के अधिकारियों की उदासीनता स्पष्ट नजर आती है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुशासन के लिए जाना जाता है. लेकिन ऐसी व्यवस्था को देख शासकों की कमी स्पष्ट नजर आती है. नीतीश कुमार बिहार में विकास का दावा करते हैं. लेकिन बिक्रमगंज के अधिकारियों की उदासीनता और रवैये के कारण विकास का काम विफल होता नजर आ रहा है.
इस रास्ते से अनुमंडल के कई वरीय पदाधिकारी के अलावे बड़े-बड़े दिग्जज 26 जनवरी और 15 अगस्त के अवसर पर झंडोत्तोलन करने जाते हैं. इस रास्ते से रोज हजारों छात्र-छात्रा पार होते हैं. इसके बावजूद भी इस मार्ग पर नगर परिषद बिक्रमगंज के अधिकारियों की नजर नहीं पड़ रही है या यूं कहा जाए कि वार्ड संख्या 5 के इस मोहल्ले से नगर परिषद सौतेला व्यवहार कर रहा है.
इस रास्ते से चलते समय स्कूली छात्र हर दिन गिरते हैं और उनके कपड़े गंदे हो जाते हैं. रात के अंधेरे में गड्ढे में न जाने कितने लोग गिरते नजर आते हैं. महिलाएं और उपासक इसी रास्ते से मंदिर आना-जाना करती हैं. जिससे महिलाओं को पूजा-अर्चना में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
इस संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि जब किसी कार्यक्रम को लेकर अधिकारियों का इस रास्ते से गुजरना होता है. उस समय रास्ते पर मिट्टी डालकर खानापूर्ति की जाती है. कार्यक्रम की समाप्ति के कुछ दिन बाद स्थिति वहीं हो जाती है.
रिपोर्ट- दयानंद