रांची: कुछ दिन पहले तक हरे रंग का झंडा बुलंद करने वाली सीता सोरेन केसरिया रंग में रंग चुकी है. तो कई केसरिया धारी झारखंड में रंग बदलने की कोशिश कर रहे हैं.
झारखंड की राजनीति में रंगों का यह नया रुप देखने को मिल रहा है. एक तरफ कल्पना सोरेन इस बार लगभग 18 साल बाद बिना रंगों के होली खेलेंगी, वहीं सोरेन परिवार की एक और बहु सीता सोरेन पर केसरिया रंग कितना खिलेगा यह आने वाला वक्त ही बताएगा.
एक और रंग कांग्रेस धारी कार्यकर्ता का है जो सफेद है पर बेचैन करने वाला है. पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व कांग्रेस के इस बेचैन करने वाले रंग को रंगीन करने की कोशिश करेगा ऐसी उम्मीद की जा रही थी लेकिन वो भी न हो सका.
कांग्रेस की 24 घंटे पहले लिस्ट में झारखंड के उम्मीदवारों की घोषणा नहीं होने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का रंग निराशावादी हो गया है. कई और राजनीतिक खिलाड़ी झारखंड में अपने रंग बदलने की फिराक में है.
चतरा, धनबाद हजारीबाग लोहरदगा दुमका गोड्डा ये 6 सीट आने वाले कुछ वक्त में कई रंगों की होली खेलेंगे. इसमें रंगों के चेहरे अपना नया रुप धारण करेंगे और टिकट मिलने के बाद जश्न भी मनाएंगे.
झारखंड में एक रंग जनता का भी है जो सतरंगी है. जिसमें राजनीति के हर रंग शामिल है अब आने वाला लोकसभा चुनाव यह तय करेगा कि झारखंड की राजनीति में किस रंग की कुर्सी होली खेलेगी.
रंगों का असर इसी साल विधानसभा चुनाव में भी देखने को भी मिलेगा जिसमें केसरिया और हरा का मुख्य मुकाबला होगा. हरा रंग लेकर चलने वाले मुख्य राजनीतिकार इस बार होटवार में अपनी होली खेल रहे हैं.
आने वाले विधानसभा चुनाव में वह अपना रंग कहां खेलेंगे यह अभी से सवाल बना हुआ है. दूसरी ओर विधानसभा चुनाव में केसरिया रंग की पगड़ी कौन पहनेगा इस सवाल का जवाब अभी से कई सवालों को जन्म दे रहा है.
जनता इन सभी रंगों से रंगी जा रही है. उम्मीद है सभी रंग मिलकर झारखंड के भविष्य को सुनहरे रंग में रंगेंगे.