लखनऊ : CM Yogi की दो टूक– औरंगजेब को पसंद करने वाले उसके अत्याचार को भोगने को रहें तैयार। CM Yogi आदित्यनाथ ने औरंगजेब को आदर्श मानने वालों पर तीखा हमला बोला है। अपने चिर-परिचित अंदाज में औरंगजेब की सराहना करने वालों एवं उसे आदर्श मानने वालों को दो टूक अंदाज में CM Yogi ने अपना संदेश दिया है।
CM Yogi आदित्यनाथ ने कहा कि – ‘…यह मानसिक विकृति का परिणाम है। उसी औरंगजेब के पिता शाहजहां की पुस्तक का अवलोकन करिए। उसमें साफ लिखा है कि कैसे औरंगजेब ने अपने पिता को कैद कर एक बूंद पानी के लिए तरसाया और भाई को मार डाला।
…जो औरंगजेब को पसंद करते हैं, वे अपने बच्चों का नाम औरंगजेब रखें और उसके अत्याचार भोगने को तैयार रहें। …इस तरह की बात करने वाले भारत के नायकों का अपमान कर रहे हैं।’
‘इतिहास छिपाने वाले पढ़े पुराण…’
CM Yogi आदित्यनाथ ने आगे कहा कि – ‘…जो इतिहास छिपाते हैं, उन्हें पुराण पढ़ने चाहिए। संभल के संदर्भ में भी यही बात है। 5000 साल पुराने पुराणों में इसका वर्णन है। सनातन धर्म के प्रति श्रद्धा का भाव होना आवश्यक है।
…तुलसीदास जी कहते हैं कि श्रद्धावान लभते ज्ञानम्। यदि आपके मन में श्रद्धा का भाव है, तो आगे का मार्ग स्वयं ही प्रशस्त हो जाएगा। भारत का लोकतंत्र अत्यन्त परिपक्व है। …भले ही हमने लोकतंत्र को संवैधानिक रूप से वर्ष 1952 में स्वीकार किया हो, लेकिन लोकतंत्र हमारी रग-रग में बसा है।
…सम्भल में कुल 68 तीर्थ थे, जिनमें से 18 तीर्थाें का पता चल चुका है। 19 कूपों के उत्खनन का कार्य चल रहा है। 56 वर्षाें के पश्चात पहली बार वहां शिव मन्दिर में जलाभिषेक हो पाया है।
…इस बार के बजट में मथुरा-वृन्दावन के लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी है। इस दिशा में कार्य आगे बढ़ने वाला है।’

‘पहले हुआ था लैंड जिहाद से पौराणिक स्थलों पर कब्जा…’
यूपी में पहले की गैर-भाजपा सरकार के कारनामों का जिक्र करते हुए CM Yogi आदित्यनाथ ने कांग्रेस लेकर सपा और तमाम विपक्षी दलों एवं उनके नेताओं पर जमकर हमला बोला।
CM Yogi आदित्यनाथ ने अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के नाम पर माफियाओं की यूपी में चलने वाली समानांतर सरकार को पोषक रहे सियासी दलों और नेताओं को भी आड़े हाथ लिया।
CM Yogi आदित्यनाथ ने कहा कि – ‘…पिछली सरकारों में माफिया ने लैंड जिहाद के जरिये प्रयागराज के पौराणिक स्थलों पर अवैध कब्जा किया था, जिससे इनकी गरिमा को गहरी चोट पहुंची थी।
…महाकुंभ के दौरान इन स्थलों को माफिया मुक्त कराकर कायाकल्प हुआ। इस आयोजन ने दुनिया को भारत के सामर्थ्य और सनातन धर्म के वास्तविक स्वरूप को दिखाया। उत्तर प्रदेश की नकारात्मक छवि को भी बदला।
…महर्षि भारद्वाज की नगरी प्रयागराज, दुनिया के पहले गुरुकुल की भूमि है। पिछली सरकारों में माफिया के हवाले थी। अक्षय वट को गुलामी के काल में कैद कर नष्ट करने की कोशिश की गई, जिससे 500 वर्षों तक श्रद्धालु दर्शन से वंचित रहे।
…माता सरस्वती कूप और पातालपुरी जैसे स्थल उपेक्षित रहे। श्रृंगवेरपुर भगवान राम और निषादराज के मैत्री स्थल पर लैंड जिहाद के जरिए कब्जा कर लिया गया। द्वादश माधव और नागवासुकी जैसे पवित्र स्थल भी अवैध कब्जों की चपेट में थे।
…महाकुंभ में वहां नए कॉरिडोर बनाकर इनको मुक्त कराया गया, जो हमारी पौराणिक परंपरा के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।’

‘जिनकी सोच नकारात्मक है, उनसे सकारात्मकता की उम्मीद बेकार…’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र पांचजन्य और आर्गेनाइजर के ‘मंथन : कुंभ एंड बियॉन्ड विचार संगम’ विषयक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए CM Yogi आदित्यनाथ ने विरोधियों को जमकर आड़े हाथ लिया एवं उनके कार्यकाल की कारगुजारियों का लेखा-जोखा पर सार्वजनिक किया।
CM Yogi आदित्यनाथ ने कहा कि – ‘…जिनकी सोच नकारात्मक है, उनसे सकारात्मकता की उम्मीद करना बेकार है। आजादी के बाद कांग्रेस और सपा के शासनकाल में कुंभ की अव्यवस्थाओं का ब्योरा किसी से छिपा नहीं है।
…साल 1954 में एक हजार से अधिक मौतें हुईं थी, तो 2007 में प्राकृतिक आपदा ने जन-धन की हानि की। वहीं 2013 में मॉरिशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने संगम की गंदगी देखकर आंसू बहाए थे।
…पिछली सरकारों ने कुंभ को अव्यवस्था और गंदगी का अड्डा बना दिया था। आज वही लोग हमारे स्वच्छ महाकुंभ पर सवाल उठा रहे हैं। जनता ने महाकुंभ में आकर विपक्ष को सबक सिखा दिया।
…मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ से अधिक भीड़ के बीच कुछ लोग घायल हुए और कुछ की मौत हो गई। प्रशासन ने त्वरित कार्यवाही कर अखाड़ों और संतों से बातचीत करके अमृत स्नान को दोपहर तक स्थगित कर दिया। संतों ने व्यापक जनहित में परंपरा को बाधित किए बिना सहयोग दिया।
…त्रिवेणी संगम में हर जाति, पंथ और क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने एक साथ डुबकी लगाई, जो ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को दर्शाता है। दुनिया ने इसे आश्चर्य और कौतूहल की नजरों से देखा। सनातन धर्म में भेदभाव की कोई जगह नहीं है, यह आयोजन इसकी एक झलक थी।’
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