पटना: राज्य में क्राइम कंट्रोल के लिए बीते 13 नवंबर को राजधानी पटना के कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित सबसे बड़ी स्लम बस्ती में पुलिस टीओपी खोला गया था। टीओपी खुलने के महज नौ दिनों के अंदर ही बंद भी हो गया। टीओपी का उद्घाटन पटना सिटी एसपी सेंट्रल ने किया था और इस दौरान उनके द्वारा किये गए सारे बड़े दावे हवा हवाई हो गए। शुक्रवार को टीओपी में बारात के स्वागत की तैयारी देखी गई। दरअसल पटना के सबसे बड़े स्लम बस्ती कमला नेहरू नगर में एक बच्ची के अपहरण का मामला सामने आने के बाद पुलिस पर सवाल खड़े हुए थे।
कहा जा रहा था स्लम एरिया अपराधियों का अड्डा है। यहां नशे का कारोबार खुलेआम होता है। इस क्षेत्र में स्मैक समेत अन्य कई मादक पदार्थों की बिक्री खुलेआम होती है। अपराध और मादक पदार्थों के कारोबार पर अंकुश लगाए जाने के मकसद से पुलिस के आलाधिकारियों ने इस क्षेत्र में टीओपी खोलने का निर्णय लिया और बीते 13 नवंबर को क्षेत्र में स्थित एक सामुदायिक भवन में टीओपी का उद्घाटन भी किया गया। उद्घाटन के दौरान अधिकारियों ने दावा किया था कि यहां 24 घंटे एक अपराधी के साथ तीन पुलिसकर्मी की तैनाती रहेगी।
स्लम बस्ती में पुलिस की मौजूदगी से क्षेत्र में मादक पदार्थों की बिक्री समेत अन्य अपराधों पर अंकुश लगेगा। लेकिन महज 9 दिनों में ही टीओपी बंद हो गया। अब वहां न तो पुलिसकर्मी दिख रहे हैं और न टीओपी का नजारा है। नजारा है तो बारात के स्वागत की तैयारी का। एक तरफ शादी में होने वाले जयमाला के लिए स्टेज बना हुआ है तो दूसरी तरफ बारात के लिए खाना बनाया जा रहा है।
मामले की जानकारी मिलने के बाद हमारे संवाददाता चंदन तिवारी मौके पर पहुंचे और जब उन्होंने स्थानीय लोगों से बात की तो लोगों ने कहा कि कहा गया था कि यहां प्रशासन के अधिकारी बैठेंगे लेकिन कहां कोई यहां बैठते हैं। यहां तो वे लोग एक दिन भी नहीं बैठे। वहीं हालांकि मामले में एसडीपीओ-1 कृष्ण मुरारी प्रसाद ने कहा कि सामुदायिक भवन में अस्थायी तौर पर टीओपी खोला गया था। अभी भी कमला नेहरू नगर में पुलिस की तैनाती है।
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पटना से चंदन तिवारी की रिपोर्ट
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