पटना : देश के नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन आज एकदिवसीय बिहार दौरे पर हैं। पटना पहुंचने के बाद उन्होंने सबसे पहले जेपी गोलंबर स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे पटना के बापू सभागार में आयोजित उन्मेषा इंटरनेशनल लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे संस्करण के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस मौके पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा, मंत्री और कई गणमान्य व्यक्तियों ने उनका स्वागत किया।
उपराष्ट्रपति ने तमिलनाडु की घटना पर जताया दुख:
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने तमिलनाडु की घटना पर दुख: जताया। समारोह की शुरुआत तमिलनाडु में हाल ही में हुई भगदड़ की दुखद घटना में मारे गए लोगों की याद में एक मिनट के मौन से हुई। उपराष्ट्रपति ने मीडिया से बातचीत में इस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। तमिलनाडु करूर की दुखद घटना ने मुझे गहरी पीड़ा दी है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मैं अपना संवेदना व्यक्त करता हूं। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
बड़ी संख्या में साहित्यकार हुए शामिल
आपको बता दें कि बापू सभागार में आयोजित इस साहित्यिक उत्सव में बड़ी संख्या में साहित्यकार, शोधार्थी, विद्यार्थी और सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल हुए। आयोजन में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह, साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सचिव विवेक अग्रवाल भी मौजूद रहे। साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में बिहार की बढ़ती भूमिका को देखते हुए इस आयोजन को राज्य के लिए अहम माना गया।
भाषाई विविधताओं से भरा है भारत – उपराष्ट्रपति
अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि उपराष्ट्रपति पद संभालने के बाद यह उनका पहला बिहार दौरा है और उन्हें खुशी है कि वे इतने महत्वपूर्ण समारोह का हिस्सा बने। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में 550 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जो भाषाई और सांस्कृतिक विविधताओं की एकता का प्रतीक है।
बिहार सदियों से दुनिया को देता रहा है प्रेरणा – सीपी राधाकृष्णन
उन्होंने कहा कि बिहार की धरती सदियों से पूरी दुनिया को प्रेरणा देती आई है। यह माता सीता की जन्मभूमि है, जिन्होंने संघर्ष, साहस और धैर्य का अनूठा संदेश दिया। यही मूल्य हमें भी आगे बढ़ने की ताकत देते हैं। उपराष्ट्रपति ने नालंदा विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि इसने भारत को विश्व गुरु का दर्जा दिलाने में अहम योगदान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से आज बिहार एक बार फिर ज्ञान और शिक्षा का प्रमुख केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
यह भी पढ़े : Big Breaking : सीपी राधाकृष्णन बने उपराष्ट्रपति
Highlights