अनोखा है कोडरमा का मां चंचला धाम, नहीं चढ़ता है सिंदूर

बीहड़ जंगल में चंचला पहाड़ी पर विराजमान हैं मां दुर्गा

कोडरमा : मां चंचला धाम- नवरात्रि का आज पांचवा दिन है. आज स्कंदमाता की पूजा हो रही है.

लेकिन आज आपको हम कोडरमा से मां दुर्गा के एक अलग ही स्वरूप का दर्शन कराएंगे.

यहां मां दुर्गा 400 फीट ऊंची पहाड़ी पर विराजमान हैं.

यहां मां दुर्गा की कन्या स्वरूप की पूजा होती है और यहां सिंदूर वर्जित है.

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मां चंचलानी की पूजा करने से पूरी होती है मन्नतें

कोडरमा के मरकच्चो प्रखंड में बीहड़ जंगलों से घिरे इस चंचल पहाड़ी पर मां दुर्गा विराजमान है

और यहां 200 साल से ज्यादा समय से मां दुर्गा की पूजा हो रही है.

यहां लोग मां दुर्गा को मां चंचलानी के नाम से जानते हैं.

जानकार बताते हैं कि लोग अपनी मन्नतें को पूरा करने के लिए इस मंदिर के तलहटी में दिन रात धरना भी देते हैं.

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मां चंचला धाम: कष्टदायक सफर होने के बावजूद श्रद्धालुओं की होती है भीड़

400 फीट ऊंची चंचल पहाड़ी का सफर सीढ़ियों से शुरू होता है.

खड़ी चढ़ाई पर सीढ़ियों के सहारे लोग चढ़ते हैं.

रूकते थकते बैठते भक्त 400 सीढ़ियां चढ़कर मां दुर्गा के इस स्थान तक पहुंचते हैं.

यहां मां दुर्गा की छोटी-छोटी प्रतिमा को पिंड के रूप में स्थापित है.

हालांकि 300 फीट की चढ़ाई चढ़ने के बाद सीढ़ियों का सफर खत्म हो जाता है

और तकरीबन 100 फीट की चढ़ाई भक्त रेंगते हुए पाइप के सहारे चढ़ते हैं.

कष्टदायक सफर होने के बावजूद लोग मन में सच्ची श्रद्धा और भक्ति लिए चंचालिनी धाम में पहुंचते हैं.

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कन्या स्वरूप की होती है मां दुर्गा की पूजा

नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है लेकिन,

इस चंचल पहाड़ी पर कुंवारी स्वरूप मौजूद है. यानि यहां मां दुर्गा के कन्या स्वरूप की पूजा होती है. यहां मां दुर्गा के लिए श्रृंगार का सामान तो चढ़ता है लेकिन उसमें सिंदूर पूरी तरह से वर्जित है. यहां प्रसाद के रूप में भी अक्षत और मिश्री लोगों को दिया जाता है.

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मां चंचला धाम: 400 फीट ऊंची पहाड़ी की चोटी पर विराजमान हैं मां दुर्गा

शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि के अलावे आम दिनों में भी यहां लोगों की भीड़ जुटती रहती है. आसपास के क्षेत्रों के अलावा दूरदराज से लोग आते हैं और मां दुर्गा के दर्शन करते हैं. 400 फीट ऊंची पहाड़ी की चोटी पर भगवान शिव विराजमान है. तकरीबन 200 सालों से चंचाल धाम लोगों की श्रद्धा और भक्ति का महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है. यहां मां दुर्गा के 9 अलग स्वरूप से अलग मां दुर्गा के कन्या स्वरूप की पूजा होती है, जो अन्य स्थानों से चंचल धाम को अलग करता है.

रिपोर्ट: कुमार अमित

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