PATNA: पटना सिटी नालंदा मेडिकल कॉलेज में उस वक्त
हंगामा हो गया जब दो दिनों से लगातार परिजन अपने बच्चों के
एमबीबीएस प्रथम वर्ष में एडमिशन के लिए आ रहे है
फिर भी उनके बच्चों का एडमिशन नही हो रहा है.
परिजन का सब्र का बांध उस वक्त टूट गया जब
आज अंतिम दिन था मेडिकल में एडमिशन का ,परिजनों का
कहना था कि पिछले दो दिनों से आ रहे हैं और बच्चे का एडमिशन नहीं हो रहा है.

परिजनों ने लगाया कॉलेज प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप
परिजनों ने कहा कि मेडिकल कॉलेज द्वारा कोई ना कोई
बहाना बनाकर एडमिशन टाला जा रहा है, जब इसके बाद
परिजनों ने हंगामा किया तब कर्मचारी ने परिजनों को कहा कि
जब तक मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एक एक
कैंडिडेट की जांच नहीं करते हैं और अग्रसारित नहीं करते हैं.
तब तक किसी भी कैंडिडेट का एडमिशन कॉलेज में नही लिया जा सकता है, परिजनों ने बताया कि आज एडमिशन का अंतिम दिन है और कॉलेज के प्रिंसिपल अपने चेम्बर से गायब हैं, दिन में कुछ देर के लिए आये थे फिर किसी मीटिंग में शामिल होने चले गए और अब शाम होने वाली है. उन्होंने कहा कि प्रिंसिपल का इंतजार करते-करते और कॉलेज का चक्कर काटते हुए परेशान हो चुके हैं.
एक परिजन ने बताया कि वे किडनी पीड़ित मरीज हैं फिर भी मेरी कोई सुन नहीं रहा है, जबकि एक परिवार ऐसा मिला जिसे मेडिकल अनफिट बताकर एडमिशन नहीं लिया जा रहा है, जबकि उनका कहना था कि उनके बेटे का पहले डीएमसीएच में एडमिशन होने वाला था वहां गया तो उन्होंने सिबिल सर्जन के सर्टिफिकेट देख कर अपग्रेड कर दिया जिसके बाद वे नालंदा मेडिकल कॉलेज आये लेकिन यहां मेडिकल टीम के द्वारा उनके बेटे को अनफिट बताकर एडमिशन नहीं लिया जा रहा है. ऐसे में उनके बेटे का भविष्य क्या होगा.
यह तो अब भगवान ही मालिक है मेरे बेटे का एडमिशन अगर नहीं होगा तो मैं कोर्ट की शरण में जाऊंगा, फिलहाल इस दोनों मामले में कॉलेज प्रशासन के तरफ से जवाब देने वाला कोई भी अधिकारी वहां मौजूद नहीं था.
रिपोर्ट: उमेश चौबे
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