झारखंड विधानसभा में रिम्स-2 जमीन विवाद और सूर्या हांसदा एनकाउंटर पर हंगामा। मंत्री दीपक बिरुआ बोले—निर्णय राज्यहित में लिया जाएगा।
रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को रिम्स-2 की जमीन, सूर्या हांसदा एनकाउंटर और अडानी पावर प्लांट सहित कई मुद्दों पर सत्ता और विपक्ष आमने-सामने रहे। हैरानी की बात यह रही कि इस बार विपक्ष की जगह सत्ता पक्ष ही ज्यादा आक्रामक दिखा।
रिम्स-2 विवाद पर सरकार अडिग
रिम्स-2 निर्माण को लेकर मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि यह चिकित्सा जैसी आवश्यक सेवा से जुड़ा मामला है और इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जमीन अधिग्रहण का मामला 1956-57 का है, कई रैयतों को मुआवजा भी मिला है। इसी क्षेत्र से एनएचएआई और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने भी जमीन ली है। सरकार चाहती है कि रिम्स-2 का निर्माण राज्यहित में हो और पीछे हटने का सवाल नहीं है।
सूर्या हांसदा एनकाउंटर पर सीबीआई जांच की मांग
विपक्ष ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की। जयराम महतो और हांसदा परिवार के सदस्य भी यही चाहते हैं। इस पर बिरुआ ने कहा कि सरकार गंभीर है लेकिन हर मांग को मानना संभव नहीं है। जनहित और राज्यहित को ध्यान में रखकर ही निर्णय लिया जाएगा।
Key Highlights
झारखंड विधानसभा में रिम्स-2 जमीन, सूर्या हांसदा एनकाउंटर और अडानी पावर प्लांट पर हंगामा।
मंत्री दीपक बिरुआ बोले—रिम्स-2 निर्माण राज्यहित में, पीछे हटने का सवाल नहीं।
सूर्या हांसदा एनकाउंटर पर विपक्ष ने सीबीआई जांच की मांग दोहराई।
जीएम लैंड और सुप्रीम कोर्ट जाने पर सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप।
अडानी पावर प्लांट कमेटी पर भी सरकार से मांगा जवाब।
जीएम लैंड और सुप्रीम कोर्ट जाने पर उठे सवाल
सरकार पर आरोप लगा कि उसने चुनाव में जीएम लैंड पर रसीद काटने का वादा किया था, लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। इस पर बिरुआ ने सफाई दी कि सरकार जनता के खिलाफ नहीं है, बल्कि सरकारी जमीन के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
अडानी पावर प्लांट मामले पर सफाई
अडानी पावर प्लांट को लेकर बनी कमेटी पर भी सवाल उठा। विपक्ष ने कहा कि एक्शन टेकन रिपोर्ट में इसे “प्रक्रियाधीन” क्यों दिखाया गया है। बिरुआ ने जवाब दिया कि कमेटी बन चुकी है और मुख्य सचिव इसकी अध्यक्षता कर रहे हैं, रिपोर्ट आने पर सदन को जानकारी दी जाएगी।
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