दिल्ली : बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने आज देश के केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने बताया कि इस मुलाकात के दौरान गृह मंत्री का स्नेहिल मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ। साथ ही देश और राज्य के समग्र विकास से जुड़े कई अहम मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई।
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गृह मंत्री के पास सहकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी भी है – विजय सिन्हा
विजय सिन्हा ने आगे बताया कि गृह मंत्री अमित शाह के पास सहकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी भी है। उन्होंने श्वेत क्रांति (दुग्ध उत्पादन) और रजत क्रांति (अंडा उत्पादन) के तर्ज पर सहकारिता पर आधारित समग्र कृषि क्रांति को विकसित भारत के लिए अनिवार्य बताया। कृषि आज हमारे लिए महज जीवन निर्वाह का साधन नहीं रह गया है बल्कि यह उद्यमिता का उभरता हुआ क्षेत्र हो चला है। देश आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बेहद स्पष्ट संकल्प के साथ विकसित भारत की ओर कदम बढ़ा चुका है। ऐसे में हम किसान को विकास का पहला इंजन मानते हुए समाज में अन्नदाता के रूप में प्रतिष्ठित करना चाहते हैं। इस प्रयास से कृषि सेक्टर के विकास और ग्रामीण समृद्धि के रूप में दो बड़े लक्ष्य एक साथ साधे जा सकेंगे।
10-11 साल पहले जो कृषि उत्पादन 265 मिलियन टन के करीब था – डिप्टी सीएम
सिन्हा ने आगे बताया कि 10-11 साल पहले जो कृषि उत्पादन 265 मिलियन टन के करीब था। वह माननीय मोदी की एनडीए सरकार के नेतृत्व में अब बढ़कर 330 मिलियन टन से ज्यादा हो गया है। इसी तरह, बागवानी से जुड़ा उत्पादन बढ़कर 350 मिलियन टन से ज्यादा हो गया है। ये केंद्र सरकार के बीज से बाजार तक की अप्रोच का परिणाम है। इन वर्षों में किसान केंद्रित डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है, ताकि देशभर के किसानों तक इस योजना का लाभ पहुंच सके। किसी बिचौलिए के घुसने या लीकेज की गुंजाइश ही ना रहे। पीएम किसान योजना के तहत अब तक लगभग पौने 4 लाख करोड़ रुपए किसानों को मिल चुके हैं। जिससे करीब-करीब 11 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिला है । इन प्रयासों से देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त हो रही है।
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प्रधानमंत्री की प्रेरणा से और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हम खेत से लेकर बाजार तक राज्य के किसानों को सशक्त करेंगे – विजय कुमार सिन्हा
डिप्टी सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम खेत से लेकर बाजार तक राज्य के किसानों को सशक्त करेंगे। फसल, बागवानी, नकदी फसलों के साथ औषधीय पौधों और फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रगत विशेषताओं के आधार पर हम काम कर रहे हैं। देश के कुल निर्यात में बिहार का योगदान पांच फीसदी तक ले जाने का जो लक्ष्य राज्य सरकार ने लिया है, उसमें सूबे का किसान प्रधान चालक बनकर उभरेगा। लिहाजा कृषि और किसानों को तरजीह के आधार पर स्वच्छ, स्वस्थ और पारदर्शी व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए विभाग मिशन मोड में काम करेगा।
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विवेक रंजन की रिपोर्ट