हजारीबाग: आज हम बात करेंगे प्रकृति के एक अनोखे मेहमान के बारे में। झारखंड के हजारीबाग स्थित लोटवा डैम इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यहां दुर्लभ पक्षी लौह सारंग ने दस्तक दी है, जो पक्षी प्रेमियों और पर्यावरणविदों के लिए उत्साह का विषय है।
लौह सारंग, जिसे अंग्रेजी नाम black stork (Ciconia nigra) और वैज्ञानिक नाम सिकोनिया कहा जाता है, एक दुर्लभ प्रवासी पक्षी है। यह मुख्यतः उत्तरी यूरोप और एशिया के ठंडे क्षेत्रों में पाया जाता है। ठंड के मौसम में यह पक्षी गर्म इलाकों की ओर प्रवास करता है । लोटवा डैम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है, इस बार लौह सारंग के आगमन से और भी खास बन गया है।
लौह सारंग का यहां दिखना पक्षी प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए एक बड़ा अवसर है। इस पक्षी को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक लोटवा डैम पहुंच रहे हैं। पक्षी के विशेष चाल-चलन और उसकी मधुर आवाज सभी को आकर्षित कर रही है । लौह सारंग का लोटवा डैम में आना न केवल जैव विविधता के लिए एक शुभ संकेत है, बल्कि यह क्षेत्र पर्यटन और संरक्षण के लिए एक नई दिशा प्रदान करता है। सरकार और जिला प्रशासन को इस अनमोल पक्षी और इसकी प्राकृतिक आवास को संरक्षित करने की दिशा में प्रयास करने चाहिए ।
इसे झारखंड में बहुत कम देखा गया है। शीतकाल में अपने देश के उत्तर प्रदेश, हरियाणा एवं उसके आसपास के क्षेत्र, पूर्वोत्तर भारत, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड में दिखते हैं। लौह सारंग ऋतु कालिक पक्षी (सीजनल बर्ड) है जो शीत ऋतु में उत्तर- पश्चिम से आकर पूरा जाड़ा बिताता है। मछली के साथ छोटे रेप्टाइल्स, केकड़े, घोंघा, सितुआ, केंचुए और जलीय कीड़ों को भोजन बनाता है। सूरज की रोशनी में, इसके काले पंख पर हरा बैंगनी रंग चमक पैदा करता है। इसके पंखों का फैलाव दो मीटर से अधिक तक हो सकता है। लौह सारंग आकार की तुलना में बहुत हल्का होता है, यही खूबी उसे हवा में ग्लाइड करने में मदद करता है।
प्रजनन के लिए जाता है यूरोप
शीतकाल बिताने के बाद यह प्रजनन के लिए यूरोप के मध्य और पूर्वी क्षेत्र में प्रवास पर जाता है। कुछ पूर्वी एशिया जाते हैं। पूरी दुनिया में इसकी 19 प्रजाति है, जिनमें से आठ अपने देश में दिखते हैं। स्टार्क फैमिली का सबसे दुर्लभ प्रजाति हड़गिला (ग्रेट एडजुड़ेंट) है। ग्रेट एंड्जुटेंट बिहार के भागलपुर में दिखता है। लौह सारंग अकेले या छोटे-छोटे झुण्ड में दलदली क्षेत्र व छिछले पानी में दिखता है।
लौह सारंग कि यह दुर्लभ तस्वीर बोर्ड लवर अमित जैन ने अपने कैमरे में कैद की है