Desk : लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आज लोकसभा में भाजपा पर निशाना साधते हुए अपनी टिप्पणी से हंगामा खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे “केवल हिंसा, नफरत और झूठ के बारे में बात करते हैं”। उनके इस बयान से सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष में हंगामा खड़ा हो गया।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी के भाषण को बीच में रोकते हुए कहा कि पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक बताना गंभीर मामला है। विपक्ष और सत्तारूढ़ एनडीए के सांसदों के बीच जुबानी जंग के बाद केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी से माफी की मांग की।
हिंदू पर बोले राहुल गांधी
राहुल गांधी ने सदन में कहा, ‘अभयमुद्रा कांग्रेस का प्रतीक है…अभयमुद्रा निर्भयता का संकेत है, आश्वासन और सुरक्षा का संकेत है, जो भय को दूर करता है और हिंदू धर्म, इस्लाम, सिख धर्म, बौद्ध धर्म और अन्य भारतीय धर्मों में दैवीय सुरक्षा और आनंद प्रदान करता है… हमारे सभी महापुरुषों ने अहिंसा और डर खत्म करने की बात कही है…लेकिन, जो खुद को हिंदू कहते हैं, वे केवल हिंसा, नफरत, असत्य के बारे में बात करते हैं…आप हिंदू नहीं हैं।’
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री कहते हैं कि (महात्मा) गांधी मर चुके हैं और गांधी को एक फिल्म द्वारा पुनर्जीवित किया गया था। क्या आप अज्ञानता को समझ सकते हैं?… एक और बात जो मैंने देखी वह यह है कि यह सिर्फ एक धर्म नहीं है जो साहस के बारे में बात करता है। सभी धर्म साहस के बारे में बात करते हैं।’
राहुल गांधी के बयान पर पीएम मोदी जताई आपत्ति
वहीं हंगामे के बीच पीएम मोदी खड़े हुए और गांधी की टिप्पणी पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, ‘पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना बहुत गंभीर मामला है।’ वहीं केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी की टिप्पणी की आलोचना करते हुए माफी की मांग की।
बता दें कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर अपना संबोधन शुरू किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा की केंद्र सरकार पर हमला। लोकसभा में आज राहुल गांधी ने अपने भाषणों की शुरुआत बीजेपी और आरएसएस के संबंधों से की। उन्होंने कहा कि आज मैं अपने भाषण की शुरुआत अपने बीजेपी और आरएसएस के दोस्तों को हमारे आइडिया के बारे में बताने से कर रहा हूं। इसका इस्तेमाल हम संविधान की रक्षा करने के लिए करते हैं।