न्यायालय की सुरक्षा पर सरकार और रजिस्ट्रार जनरल के रिपोर्ट में अंतर क्यों:एचसी

न्यायालय की सुरक्षा पर सरकार और रजिस्ट्रार जनरल के रिपोर्ट में अंतर क्यों:एचसी

रांची: हाईकोर्ट में  जज उत्तम आनंद की मौत मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.  जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान सीबीआइ का पक्ष सुना.

वहीं सिविल कोर्ट की सुरक्षा से संबंधित स्वतः संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर खंडपीठ ने मौखिक रूप से राज्य सरकार से पूछा कि सिविल कोर्ट व न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा के लिए क्या व्यवस्था की गयी है.

कोर्ट में उच्च गुणवक्ता वाला सीसीटीवी कैमरा लगाने, मेटल डिटेक्टर लगाने, न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं की सुरक्षा आदि बिंदुओं पर राज्य सरकार की ओर से पूर्व में पूरक शपथ पत्र दायर किया गया था.

रजिस्ट्रार जनरल ने भी सिविल कोर्ट की सुरक्षा को लेकर रिपोर्ट दी है. पूरक शपथ पत्र व रिपोर्ट में कही गयी बातों में भिन्नता है. खंडपीठ ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि यह अंतर क्यों है. इस पर राज्य सरकार की ओर से खंडपीठ से रजिस्ट्रार जनरल की रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया.

खखंडपीठ ने रजिस्ट्रार जनरल की रिपोर्ट की प्रति राज्य सरकार को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. खांडपीठ ने कोर्ट सुरक्षा पर रजिस्ट्रार जनरल की रिपोर्ट से मिलान करने तथा मामले में इंस्ट्रक्शन लेकर अद्यतन जानकारी देने को कहा.

मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी, इससे पूर्व सीबीआइ की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने खंडपीठ को बताया कि अप टू डेट जानकारी दायर की जा चुकी है. अनुसंधान के दौरान सीबीआइ ने व्हाटसऐप चैट के बारे में इंटरपोल से जो जानकारी मांगी थी, उसकी रिपोर्ट आयी है, उसमें कोई नया सबूत नहीं मिला है.

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