रांचीः झारखंड हाईकोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि पत्नी पति पर अपनी मां को छोड़कर अलग रहने का दबाव नहीं बना सकती है। कोर्ट ने यह फैसला दुमका फैमिली कोर्ट के एक मामले पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है।
पत्नी ने दहेज प्रताड़ना का लगाया था आरोप
मालूम हो कि दुमका फैमिली कोर्ट में पत्नी ने पति पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया था जबकि पति ने इस आरोप से इंकार करते हुए पत्नी पर उसके मां और दादी से अलग रहने का दबाव बनाने का आरोप लगाया था।
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जिसके बाद कोर्ट ने पति को पत्नी के भरण-पोषण के लिए 30 हजार रुपए और बेटे के लिए 15 हजार रुपए देने का आदेश दिया था।
गुजारा भत्ता देने से इंकार कर सकता है पति
जिसके बाद इस फैसले को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
झारखंड हाईकोर्ट ने मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि पत्नी पति पर अलग रहने का दबाव नहीं बना सकती है।
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यदि पत्नी मां से अलग रहने का दबाव बनाती है तो पति गुजारा भत्ता देने से इंकार कर सकता है। पति को अपनी मां और दादी की सेवा करना अनिवार्य है। इस पर पत्नी को अलग रहने की जिद नहीं करनी चाहिए।