रांची: सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र 35 सालों से लगातार अपने सांसद बदल रहा है. बीजेपी ने बड़ी उम्मीद से इस बार गीता कोड़ा को सिंहभूम से अपना उम्मीदवार बनाया है क्या गीता कोड़ा इस बार 35 सालों का रिकॉर्ड तोड़ने में सफल हो पाएगी यह आने वाला वक्त ही बता पाएगा.
पिछली बार गीता कोड़ा कांग्रेस से सांसद बनी थी इस बार वो भाजपा के टिकट से सिंहभूम में चुनाव लड़ रही हैं. इसलिए उम्मीद है कि गीता कोड़ा शायद 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ दे.
सिंहभूम से अब तक केवल बागुन सुंब्रुई ही 4 बार सांसद रह चुके हैं इसके अलावा लक्ष्मण गिलुआ 2 बार सिंहभूम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इन 35 सालों में भाजपा केवल 3 बार इस लोकसभा सीट से जीत हासिल करने में सफल हो पाई है जबकि कांग्रेस इस सीट से इन 35 सालों में 4 बार जीती है.
एख बार झामुमो के हाथ यह लोकसभा सीट आया है जबकि एक बार निर्दलीय सांसद सिंहभूम लोकसभा ने दिया है.
सिंहभूम लोकसभा सीट से एक और दिलचस्प आंकड़ा यह भी है राज्य बनने के बाद जिन दो निर्दलीय सांसदों ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है उसमें से एक 2009 में सिंहभूम से ही आते हैं जब मधु कोड़ा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में जीत दर्ज की थी.
सिंहभूम लोकसभा सीट के चरित्र को इंडिया और एनडीए गठबंधन अच्छे से समझते हैं इसलिए दोनों गठबंधन काफी सचेत होकर प्रत्याशियों का चयन अब तक करती आई है.
यह पहली बार है जब इस सीट से पक्ष और विपक्ष में महिला प्रत्याशियों को उतरा गया है.35 सालों में इससे पहले महिला प्रत्याशी केवल 2019 में गीता कोड़ा के रुप में सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र को मिला था.
गीता कोड़ा के बीजेपी में जाने के बाद इंचिया गठबंधन को इस सीट से कोई मजबूत चेहरा नहीं मिल पा रहा था जिसके बाद इंचिया गठबंधन ने महिला प्रत्याशी को उतारने का फैसला लिया.