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पटना: बिहार विधानमंडल के सत्र के दौरान सदन में एक तरफ जहां सत्ता पक्ष महिलाओं को लगातार आगे बढ़ाने का दावा कर रहा है तो दूसरी तरफ विपक्ष हर तरह से सरकार को घेरने की कोशिश। इस दौरान सदन में कई बातों पर हंसी मजाक भी देखने को मिल रहा है तो कभी जबरदस्त तकरार भी।
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ऐसा ही मामला देखने को मिला शुक्रवार को जब विधान परिषद में महिला दिवस को लेकर महिलाओं को पहले बोलने का मौका दिया गया। इस दौरान सीएम नीतीश ने सभी महिला MLC को कहा कि 2005 से पहले बिहार में महिलाएं सुरक्षित नहीं थी लेकिन जब हमारी सरकार आई तो हमने न सिर्फ महिलाओं को सुरक्षित किया बल्कि आरक्षण दे कर उन्हें आगे भी बढ़ाया।
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मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन देते हुए जदयू MLC रीना यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बड़ाई की और नीतीश सरकार में महिला उत्थान की चर्चा की। सदन में MLC रीना यादव के बयानों के बाद विपक्ष ने उन्हें चापलूस कह दिया। बस इस बात पर एक बार फिर हंगामा शुरू हो गया।
मामले में जदयू MLC रीना यादव ने कहा कि पहले बिहार में जंगलराज था। लोग अपने घरों से नहीं निकलते थे। मैंने 1995 में मैट्रिक की परीक्षा दी थी और उसके बाद पिता जी ने यह कह कर पढाई बंद करवा दी थी कि माहौल अच्छा नहीं है इसलिए लड़कियों का घर से निकलना अच्छी बात नहीं है। बेटियों को घर से दूर पढने के लिए नहीं भेज सकते हैं।
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हमलोग जब स्कूल में भी पढने जाते थे तो लड़कियों का झुण्ड बना कर जाते थे, ताकि सुरक्षित रह सकें। जब से नीतीश कुमार की सरकार बनी है राज्य में महिलाएं आत्मनिर्भर हुई हैं। महिलाओं को बराबर मौका दिया गया, स्थानीय निकाय में 50 प्रतिशत और सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दी गई। आज के समय में महिलाएं बेख़ौफ़ हो कर देर रात घर से बाहर रहती हैं और अपना काम कर रही हैं।
निश्चित रूप से नीतीश कुमार ने बिहार को बदल दिया खास कर महिलाओं के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया बावजूद इसके विपक्ष सच्चाई बोलने पर चापलूस कह रहा है। विपक्ष की इन बातों से मुझे काफी चोट पहुंचा है। यह सही नहीं है।
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पटना से विवेक रंजन की रिपोर्ट