रांची: योग शिक्षिका राफिया नाज पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। यह फैसला विशेष न्यायिक दंडाधिकारी (एमपी-एमएलए कोर्ट) ने 5 जुलाई को सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब सुनाया गया है।
2020 में दर्ज हुआ था मामला, गंभीर धाराओं में हुई थी शिकायत
मामला वर्ष 2020 का है, जब मंत्री इरफान अंसारी ने एक टीवी चैनल पर योग शिक्षिका राफिया नाज के पहनावे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद 19 अगस्त 2020 को राफिया ने शिकायतवाद दर्ज कराया था।
शिकायत में लज्जा भंग करने, भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने और शांति भंग के इरादे से अपमान करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए मंत्री को पेशी के लिए समन जारी किया था।
इरफान अंसारी ने 23 मई 2025 को कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी से छूट के लिए याचिका दाखिल की थी, जिसे अब अदालत ने खारिज कर दिया है।
पूर्व मंत्री आलमगीर आलम को भी झटका, टेंडर घोटाले में जमानत याचिका खारिज
इधर, टेंडर कमीशन घोटाले में गिरफ्तार झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की जमानत याचिका भी झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।
जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कोई तथ्य नहीं है जिससे यह लगे कि आलमगीर आलम मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी अवैध आय के प्रबंधन में शामिल नहीं हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर चार्जशीट और गवाहों के बयानों से उनकी संलिप्तता स्पष्ट रूप से सामने आती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आर्थिक अपराधों में जमानत पर विचार करते समय न्यायालय को एक अलग दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
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