रांची: मंईयां सम्मान योजना के तहत जनवरी माह की किस्त अब तक लाभुकों के खाते में नहीं पहुंची है, जिससे राज्यभर की लाखों महिलाएं निराश और नाराज हैं। फरवरी माह की भी आधी अवधि बीत चुकी है, लेकिन सरकार की ओर से इस मामले में कोई ठोस जवाब नहीं आया है।
झारखंड में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अगस्त 2024 में मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत हुई थी। योजना के तहत पहले लाभुकों को ₹1,000 प्रति माह दिए जा रहे थे, लेकिन दिसंबर 2024 से इस राशि को ₹2,500 प्रति माह कर दिया गया। हालांकि, दिसंबर की किस्त 6 जनवरी को जारी हुई थी, लेकिन जनवरी और फरवरी माह की किस्त पर अब तक सस्पेंस बना हुआ है।
योजना के नियमों के अनुसार, प्रत्येक माह की 15 तारीख तक लाभुकों के खातों में राशि ट्रांसफर हो जानी चाहिए, लेकिन इस बार सरकार इस समय-सीमा का पालन नहीं कर पाई है। सरकारी स्तर पर इस देरी को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे लाभुकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने योजना की पात्रता सूची की पुनर्समीक्षा शुरू की है, क्योंकि भौतिक सत्यापन के दौरान बड़ी संख्या में अयोग्य लाभुकों के नाम सामने आए हैं। इस कारण लाभुकों की सूची को अपडेट किया जा रहा है, जिससे किस्त जारी करने में देरी हो रही है।
लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर पुनर्समीक्षा की प्रक्रिया चल रही थी, तो सरकार ने इसे पहले क्यों नहीं पूरा किया? बिना किसी आधिकारिक घोषणा के लाभुकों की किस्त रोकने से सरकार की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के किसी भी अधिकारी ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि जनवरी माह की किस्त कब तक जारी होगी। न ही यह बताया जा रहा है कि लाभुकों की सूची को अंतिम रूप देने में कितना समय लगेगा। विभाग की यह चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है और लाभुकों के बीच सरकार के प्रति अविश्वास और नाराजगी बढ़ा रही है।
यह योजना लाखों गरीब और जरूरतमंद महिलाओं से जुड़ी हुई है, जिनके लिए यह आर्थिक सहायता बहुत महत्वपूर्ण है। जब तक सरकार स्थिति स्पष्ट नहीं करती और लंबित किस्तों का भुगतान नहीं करती, तब तक जनता में असंतोष बढ़ता रहेगा।
अगर सरकार जल्द से जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो यह मुद्दा बड़ा जनांदोलन बन सकता है और सरकार की साख पर भी असर डाल सकता है। अब देखना होगा कि सरकार इस नाराजगी को दूर करने के लिए क्या कदम उठाती है और लाभुकों को उनकी राशि कब तक मिल पाती है।